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सोशल मीडिया विवाद के बीच कैबिनेट के बाद कांग्रेस में डैमेज कंट्रोल के संकेत
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विक्रमादित्य सिंह ने डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री को बताया कद्दावर नेता
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सरकारी कार्यालयों के कांगड़ा शिफ्ट पर कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखने की अपील
Himachal Politics: हिमाचल प्रदेश की राजनीति में बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर मचे घमासान के बाद अब कांग्रेस के सुर कुछ नरम पड़ते नजर आ रहे हैं। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की “साजिशों का दौर” वाली फेसबुक पोस्ट और उसपर विक्रमादित्य सिंह की प्रतिक्रिया के बाद उठे सियासी तूफान के बीच अब डैमेज कंट्रोल की कोशिशें सामने आने लगी हैं।
PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सोमवार को प्रेस से बातचीत में कहा कि मुकेश अग्निहोत्री प्रदेश के कद्दावर नेता हैं और पांच बार हरोली से जीतकर आ रहे हैं। उनके साथ हमेशा से होली लॉज (राजनीतिक गुट) खड़ा रहा है। उन्होंने भाजपा नेताओं पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें मुकेश अग्निहोत्री के क्षेत्र के विकास से तकलीफ नहीं होनी चाहिए। विकास को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देखा जाना चाहिए।
विक्रमादित्य सिंह ने यह भी साफ किया कि डिप्टी सीएम और सीएम सुखविंद्र सुक्खू के बीच कोई दरार नहीं है। भाजपा नेता अंदरूनी कलह का झूठा प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने वीरभद्र सिंह का हवाला देते हुए कहा कि छह बार मुख्यमंत्री बने वीरभद्र किसी गुटबाजी में नहीं फंसे और सभी को साथ लेकर चले।
कांगड़ा को मिल रहा प्राथमिकता का दर्जा
शिमला से दफ्तरों को कांगड़ा शिफ्ट करने के निर्णय पर भी मंत्री विक्रमादित्य ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि शिमला में अब भीड़ काफी बढ़ चुकी है, और प्रशासनिक संतुलन के लिए कुछ कार्यालयों को अन्यत्र स्थानांतरित करना समय की मांग है। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि कर्मचारियों के हितों की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। कई बुजुर्ग कर्मचारी अपनी समस्या लेकर उनके पास आए थे, जिन्हें मुख्यमंत्री के समक्ष रखा गया है।
राज्य सरकार पहले ही कांगड़ा को पर्यटन हेडक्वार्टर घोषित कर चुकी है और वहां बुनियादी ढांचे पर बड़े निवेश हो रहे हैं। इस कदम को मंत्री आरएस बाली के बढ़ते राजनीतिक प्रभाव और नगरोटा की महत्ता से भी जोड़ा जा रहा है। जानकार मानते हैं कि कांगड़ा न सिर्फ प्रशासनिक, बल्कि राजनीतिक पावर सेंटर बनने की ओर बढ़ रहा है।
PWD गेस्ट हाउस अब “पहले आओ, पहले पाओ”
एक अन्य बड़े फैसले के तहत हिमाचल सरकार ने राज्य के करीब 2500 पीडब्ल्यूडी विश्राम गृहों को आम जनता के लिए ऑनलाइन बुकिंग के ज़रिए उपलब्ध कराने का ऐलान किया है। अब ये गेस्ट हाउस “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर बुक होंगे। मंत्री ने कहा कि इससे वीआईपी कल्चर खत्म होगा और जो भी एडवांस पेमेंट करेगा, उसे प्राथमिकता दी जाएगी। इस सिस्टम से विश्राम गृहों की दशा सुधारने के लिए फंड भी जुटाया जाएगा।