प्रदेश में लगातार बढ़ रहा नशा चिंताजनक, कानून में भी प्रभावी बदलाव लाने की आवश्यकता, नशे के खिलाफ सम्मेलन में बोले शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर मुख्यमंत्री के समक्ष रखी जायेगी विशेषज्ञों की राय।
प्रदेश में नशे के बढ़ते कदमो को रोकने के लिए राज्य ज्ञान विज्ञान समिति ने अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में ” नशे के संकट से युवाओं को बचाओ ” विषय पर आधारित अधिवेशन आयोजित किया।
जिसमें पुलिस, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्राम प्रतिनिधि तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग सहित युवाओं ने नशे की रोकथाम को लेकर अपने विचार रखे।शिमला के बचत भवन में आयोजित इस सम्मेलन में जहां शिक्षाविदों ने प्राइमरी स्तर से शिक्षा से नशे के खिलाफ बच्चों को जागरूक कर नशे पर प्रहार करने की बात कही तो वहीं पुलिस ने पंजाब के रास्ते से हिमाचल आ रही नशे की खेप को प्रदेश में नशे का मुख्य कारण बताया।
वहीं स्वास्थ्य विभाग ने भी मनोचिकित्सकों की संख्या बढ़ाने की बात कही साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार की बात शिक्षा मंत्री के समक्ष रखी। ग्राम प्रतिनिधियों व समाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के विशेज्ञों ने ब्लॉक स्तर से जागरूकता अभियान चलाकर इसे एक दिन का मंथन न बनाकर अलख बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस दौरान शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि देवभूमि में इस नशे के बढ़ते कदमों को रोकने के लिए सभी को एकजुट होकर प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज राज्य ज्ञान विज्ञान समिति द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे सभी ने नशे के बढ़ते प्रचलन पर मंथन के दौरान सभी ने सार्थक सुझाव दिए।
इन दिनों प्रदेश में सिंथेटिक ड्रग में बहुत तीव्र गति से बढ़ोतरी हुई है जो कि एक चिंता का विषय है।इसको लेकर शीघ्र ही मुख्यमंत्री से मिलेंगे। उन्होंने कहा कि जो भी आज सार्थक चर्चा हुई है।उन सभी सभी सुझावों को अगले सप्ताह मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर उनके समक्ष रखा जाएगा।उन्होंने कहा कि बढ़ते नशे पर लगाम लगाने के लिए प्रभावी कानून में भी परिवर्तन लाना पड़ेगा तो उस और भी विचार किया जाएगा। इस विकराल समस्या को मिलजुलकर निपटने के लिए जीरो टोलरेंस के साथ कार्य किया जाएगा।