जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में वन विभाग ने अबैध कब्जाधारियों से 430 बीघा भूमि पर किया गया कब्जा छुड़वाया है। बताया जा रहा है कि वन विभाग की अवैध कब्जाधारियों पर यह कार्रवाई प्रदेश की सबसे बड़ी कार्रवाई है। विभाग ने लाहौल स्पीति के दारचा सूमदो नामक स्थान पर यह कार्रवाई अमल में लाई। दरअसल, 17 जुलाई, 2019 को प्रदेश हाईकोर्ट ने वन विभाग और अवैध कब्जाधारियों के बीच चल रहे मामले में वन विभाग के पक्ष में फैसला दिया था। उसके बाद विभाग ने इस भूमि को अवैध कब्जाधारियों से छुड़ाने के लिए यह कार्रवाई अमल में लाई। जिसमें तहसीलदार केलांग अनिल कुमार ने भी अहम भूमिका निभाई है।
डीएफओ नीरज चड्डा का कहना है कि विभाग ने हाईकोर्ट से अपने पक्ष में फैसला मिलने के बाद यह कार्रवाई अमल में लाई है। यहां 430 बीघा भूमि पर दो व्यक्तियों ने कब्जा कर रखा था और विभाग की यह कार्रवाई प्रदेश स्तर पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। विभाग की टीम ने इस भूमि पर उगाई गई मटर की फसल पूरी तरह से नष्ट कर जमीन को अपने अधीन ले लिया है।
इस कार्रवाई को अंजाम देने के लिए वन विभाग सहित प्रशासनिक अधिकारियों की टीम में 60 अधिकारी और कर्मचारी शामिल रहे। जिन्होंने अबैध कब्जा की गई वन भूमि को कब्जाधारियों के कब्जे से छुड़वाया है। विभाग ने दावा किया है कि लाहौल स्पीति जिला में हुई यह कार्रवाई अब तक हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी कार्रवाई है जिसमें 430 बीघा भूमि को एकसाथ कब्जाधारियों से छुड़वाया गया है।