हिमाचल

पटेल यूनिवर्सिटी को कमजोर करना सरकार का शिक्षा विरोधी फैसला : रजत ठाकुर

जब से कांग्रेस सरकार सत्ता में आई है इसने पहले दिन से ही युवा और शिक्षा विरोधी फैसले लेने शुरू किए हैं। पहले सैंकडों स्कूल बंद कर दिए और फिर अब घर द्वार मिल रही उच्च शिक्षा के लिए खोली यूनिवर्सिटी भी बंद करने जा रही है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी रजत ठाकुर ने कहा कि 50 साल बाद राज्य को मुश्किल  से दूसरा राज्य विश्वविद्यालय मिला है।
जो अधिकार उच्च शिक्षा का शिमला और आसपास के लोगों को है वही अधिकार बाकी जिलों के बच्चों का भी है लेकिन ये सरकार नहीं चाहती है कि राज्य के दूसरे जिलों के बच्चों को नजदीक शिक्षा मिल सके। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को ये सरकार 160 करोड का बजट जारी करती है और वहीं मंडी के सरदार पटेल विश्वविद्यालय को मात्र 10 करोड़ देती है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि विश्वविद्यालय किसी राजनीतिक दल का नहीं हो सकता।
उच्च शिक्षा का अधिकार राज्य के सभी छात्रों का होना चाहिए लेकिन कांग्रेस सरकार भेदभाव की राजनीति को बढ़ावा दे रही है। आते ही इस सरकार ने  कुलपति और प्रति कुलपति का अवकाश रद्द कर दिया ताकि विश्वविधालय  के बंद करने का रास्ता साफ हो जाये लेकिन जब कुलपति ने दबाव में आकर त्याग पत्र दिया तो प्रति कुलपति कोर्ट गईं  और उनको वहां से स्टे मिल गया। अब विश्वविद्यालय के क्षेत्राधिकार को कम करने का फैसला ले लिया जिससे इन्होंने मुख्य दो जिलों कांगड़ा और चंबा के महाविद्यालय जो सरदार पटेल विश्वविधालय के अंतर्गत थे
उनको हिमाचल प्रदेश विश्व विद्यालय  में मिलाने का फैसला लिया और जिनकी कुल संख्या 73 हैं। सरदार पटेल विश्व विद्यालय के पास अब मात्र 46 कॉलेज ही रह जाएंगे। उन्होंने कहा कि कांगड़ा और चम्बा जिले में कुल 73 महाविद्यालय हैं। शैक्षणिक सत्र 2022-2023 के लिए एसपीयू मंडी में 32000 छात्र छात्राएं नामांकित थे वहीं शैक्षणिक सत्र 2023-2024 के लिए ये संख्या 33000 हो गई थी। बाबजूद  इसके इसे कमज़ोर कर अब दायरा बहुत कम कर दिया है। उन्होंने कहा कि चम्बा से शिमला के बीच की दूरी 340 किमी है जबकि चम्बा से मण्डी के बीच की दूरी मात्र 240 किमी है। इसी तरह कांगड़ा से शिमला के बीच की दूरी 220 किमी है
जबकि कांगड़ा से मंडी के बीच की दूरी मात्र 124 किमी है। ऐसे में सरकार बताए कि आपने बच्चों को सुविधा देनी है या उन्हें दुविधा में डालना है। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी ने ये यूनिवर्सिटी दूरदराज के बच्चों को आने वाली परेशानियों को देखते हुए खोली थी ताकि बच्चे घर द्वार कम खर्चे पर उच्च शिक्षा ग्रहण कर सकें लेकिन इस सरकार ने इन बच्चों को शिक्षा के इस अधिकार से ही वंचित कर दिया जिसका परिणाम इस युवा विरोधी और शिक्षा विरोधी सरकार को भुगतना ही होगा।
Kritika

Recent Posts

2025 के शुभ विवाह मुहूर्त: कौन-से महीने हैं खास?

Vivah Muhurat 2025: हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त के बिना किसी भी शुभ कार्य की…

59 minutes ago

शनिवार का राशिफल: मेष से मीन तक, जानें आज का दिन कैसा रहेगा।

Daily horoscope 2024 : चंद्रमा की गणना और सटीक खगोलीय विश्लेषण के आधार पर शनिवार का…

1 hour ago

ध्रोबिया में सड़क निर्माण से खुशी की लहर, पूर्व विधायक काकू ने दिया विकास का संदेश

Dhrobia village Development: कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के चंगर क्षेत्र में विकास की एक नई कहानी…

15 hours ago

पर्यटन निगम को राहत: 31 मार्च तक खुले रहेंगे 9 होटल, हाईकोर्ट का फैसला

High Court decision Himachal hotels: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से राज्य सरकार और पर्यटन विकास निगम…

16 hours ago

एनसीसी दिवस: धर्मशाला कॉलेज में 75 यूनिट रक्तदान, नशा मुक्ति का संदेश

NCC Day Dharamshala College: धर्मशाला स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय (जीपीजीसी) में एनसीसी दिवस के उपलक्ष्य…

17 hours ago

शनिवार से कुंजम दर्रा यातायात के लिए पूरी तरह बंद , नोटिफिकेशन जारी

Kunzum Pass closed: हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले को जोड़ने वाला कुंजम दर्रा…

17 hours ago