राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने भवन मे दिव्यांग युवाओं की प्रतिभा और क्षमता का सम्मान किया। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रतिभावान छात्र-छात्राएं सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं और उनसे हम सबका मनोबल भी बढ़ता है।राज्यपाल आज राज भवन में उमंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित ‘‘हौंसलों की उड़ान’’ कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे।राज्यपाल ने विशेष क्षमता वाले बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए उमंग फाउंडेशन के प्रयासों की सराहना की तथा कहा कि यह संस्था मानवता की सेवा के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर प्रेरणादायी कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों का का सशक्तिकरण पूरे विश्व समुदाय के लिए उच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों से जुड़ी व्यक्तिगत और संस्थागत उपलब्धियों को मान्यता प्रदान करने और पुरस्कृत करने से सभी का उत्साहवर्द्धन होता है। उन्होंने कहा कि इन विशेष बच्चों के संघर्षों और उपलब्धियों के बारे में जानकर उनका भी मनोबल बढ़ा है।श्री शुक्ल ने कहा कि सिर्फ सरकारी प्रयासों से समाज के किसी भी दुर्बल वर्ग की स्थितियों में सकारात्मक परिवर्तन नहीं आ सकता। इसके लिए स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रयासों की भी आवश्यकता होती है।
उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि उमंग फाउंडेशन के प्रयासों से ऐसे बच्चों का सशक्तिकरण हो रहा है। रक्तदान के क्षेत्र में भी संस्था के प्रयास सराहनीय है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों को बराबरी का दर्जा एवं अधिकार दिलाने के लिए समाज के सभी वर्गों के सहयोग की आवश्यकता है। उन्हें दया नहीं बल्कि समान भागीदारी चाहिए।राज्यपाल ने मुस्कान नेगी, अंजना ठाकुर और प्रतिभा ठाकुर का उद्हारण देते हुए कहा कि ये छात्राएं अपनी प्रतिभा और कड़ी मेहनत से दिव्यांगता को मात देकर उच्च शिक्षा प्राप्त की और आज असिस्टेंट प्रोफेसर बन गई।
राज्यपाल ने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, टांडा में एमबीबीएस की छात्रा निकिता चौधरी को हिमाचल प्रदेश की पहली व्हीलचेयर यूजर डॉक्टर बनने पर बधाई देते हुए कहा कि इन्होंने ये मुकाम हासिल करने के लिए लंबा संघर्ष किया है। उन्होंने कहा कि एशियन पैरा गेम्स में भारत के दिव्यांग खिलाड़ियों ने 111 पदक जीतकर भारत का गौरव बढ़ाया है।राज्यपाल ने कुल 5 दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को लैपटॉप प्रदान किए। 2 दिव्यांग विद्यार्थियों को मोबाइल फोन प्रदान किए।
प्रदेश की पहली व्हीलचेयर यूज़र एमबीबीएस छात्रा निकिता चौधरी, 3 दिव्यांग असिस्टेंट प्रोफेसरों मुस्कान, अंजना ठाकुर, एवं प्रतिभा ठाकुर, आरकेएमवी कॉलेज की पांच दिव्यांग छात्राओं समेत 40 उच्च शिक्षित दिव्यांगों एवं उनकी सहायता करने वाले 15 युवाओं को सम्मानित किया। उच्च शिक्षा विभाग की कमला कौशल द्वारा दृष्टिबाधित बेटियों के लिए 3 लैपटॉप, प्रोफेसर एसपी बंसल एवं रवि ठाकुर ने एक-एक लैपटॉप अपनी ओर से भेंट किए। राज्यपाल ने प्रदेश की पहली महिला दृष्टिबाधित महिला रक्तदाता निशा ठाकुर को भी सम्मानित किया।
इससे पूर्व, केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के कुलपति प्रो. एस.पी.बंसल ने राज भवन में कार्यक्रम के आयोजन के लिए राज्यपाल का आभार व्यक्त किया तथा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय स्तर पर विशेष क्षमता वाले विद्यार्थियों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी दी।उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा फाउंडेशन द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी।