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गुड़िया रेप-मर्डर केस में आरोपी की हत्या के मामले में IG जहूर एच जैदी समेत 8 पुलिस अधिकारी दोषी करार।
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CBI जांच में हुआ खुलासा, आरोपी की पुलिस कस्टडी में यातना से मौत हुई।
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27 जनवरी को दोषियों को सजा सुनाई जाएगी।
Gudiya rape-murder case verdict: हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित गुड़िया रेप-मर्डर केस में आरोपी की हत्या के मामले में चंडीगढ़ की सीबीआई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने IG जहूर एच जैदी और DSP मनोज जोशी समेत 8 पुलिस अधिकारियों को दोषी करार दिया है। हालांकि, शिमला के तत्कालीन SP डीडब्ल्यू नेगी को बरी कर दिया गया है। दोषियों को 27 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी।
यह मामला 2017 का है, जब कोटखाई में 16 वर्षीय छात्रा के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। घटना के बाद गठित SIT ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें से एक नेपाली नागरिक सूरज भी था। सूरज की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और एम्स के डॉक्टरों की जांच में खुलासा हुआ कि सूरज को पुलिस प्रताड़ना के कारण गंभीर चोटें आई थीं, जिससे उसकी मौत हुई।
CBI ने अपनी जांच में पाया कि आरोपी की मौत पूछताछ के दौरान पुलिस की यातना के कारण हुई। इसके बाद CBI ने IG जैदी समेत 9 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों पर हत्या (धारा 302) और सबूत नष्ट करने (धारा 201) सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।
इस घटना के बाद से मामला लगातार चर्चा में रहा। 2017 में यह केस शिमला की जिला अदालत से चंडीगढ़ CBI कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था। हिमाचल सरकार ने IG जैदी को 2020 में सस्पेंड कर दिया, हालांकि 2023 में उन्हें बहाल कर दिया गया था।
SIT में शामिल अन्य दोषियों में SI राजिंदर सिंह, ASI दीप चंद शर्मा, ऑनरेरी हेड कांस्टेबल मोहन लाल, ऑनरेरी हेड कांस्टेबल सूरत सिंह, हेड कांस्टेबल रफी मोहम्मद और कांस्टेबल रानित सटेटा के नाम शामिल हैं।
सरकार अदालत के निर्णय का सम्मान करती है। “मैंने अभी पूरा फैसला नहीं पढ़ा है, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी पुलिसकर्मी को गलत तरीके से सजा न मिले। पूरे मामले का गहन अध्ययन किया जाएगा ताकि किसी प्रकार की त्रुटि न हो।”
सुखविंद्र सिंह सुक्खू, सीएम हिमाचल