➤ नगर निकाय चुनाव के आरक्षण रोस्टर और स्पेशल राहत पैकेज पर चर्चा
➤ पूरी तरह टूटे घरों के लिए 7 लाख रुपये की सहायता की संभावना
➤ सेब एमआईएस रेट, भर्तियां और मानसून सत्र पर भी लिए जा सकते हैं निर्णय
हिमाचल प्रदेश सरकार की कैबिनेट मीटिंग आज 28 जुलाई को दोपहर 12 बजे शिमला सचिवालय में आयोजित होगी। यह मीटिंग केवल एक औपचारिक बैठक नहीं बल्कि आपदा प्रभावितों और आगामी नगर निकाय चुनावों के लिए अहम फैसलों का केंद्र बनने जा रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में बुलाई गई इस मीटिंग में दो प्रमुख विषयों – आपदा राहत स्पेशल पैकेज और आरक्षण रोस्टर पर चर्चा होने की संभावना है।
सराज विधानसभा क्षेत्र के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री सुक्खू ने मानसून आपदा से प्रभावित परिवारों को स्पेशल राहत पैकेज का आश्वासन दिया था। इस मानसून में बादल फटने, फ्लैश फ्लड और तेज बारिश से राज्य में व्यापक नुकसान हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 425 घर पूरी तरह जमींदोज हो चुके हैं जबकि 800 से अधिक घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। अकेले सराज क्षेत्र में 30 प्रतिशत से ज्यादा परिवार किसी न किसी रूप में प्रभावित हुए हैं।
किसानों और बागवानों की खेती-बाड़ी, सेब के बागीचे, और पालतू मवेशियों को भारी क्षति हुई है। सरकार कैबिनेट मीटिंग में यह प्रस्ताव ला सकती है कि जिनके घर पूरी तरह टूटे हैं उन्हें प्रति परिवार 7 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए। वहीं आंशिक क्षति, मवेशियों की मौत या खेती के नुकसान के लिए भी विभाजित श्रेणियों में मुआवजा देने का निर्णय लिया जा सकता है।
कैबिनेट मीटिंग में नगर निकायों के लिए आरक्षण रोस्टर पर भी फैसला लिया जाएगा। इलेक्शन कमीशन ने 24 जुलाई तक 73 निकायों में आरक्षण लागू करने का निर्देश दिया था, लेकिन सरकार ने आयोग को पत्र लिखकर स्पष्ट किया कि आरक्षण से संबंधित फैसला कैबिनेट मीटिंग में लिया जाएगा।
एक खास बात यह है कि कैबिनेट मीटिंग इस बार चार दिन (28 से 31 जुलाई) तक चलेगी, जो हिमाचल के राजनीतिक इतिहास में पहली बार है। यह मीटिंग प्रतिदिन दोपहर 12 से 2 बजे तक होगी। इस बैठक में आगामी विधानसभा मानसून सत्र की तारीख भी तय की जा सकती है।
इसके साथ ही कैबिनेट में सेब खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MIS) तय, विभिन्न विभागों में खाली पदों पर भर्तियों की मंजूरी जैसे कई और अहम फैसलों की भी संभावना है।



