हिमाचल में सीपीएस नियुक्ति मामला: सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई 21 जनवरी तक टली

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Himachal CPS case: हिमाचल प्रदेश में मुख्य संसदीय सचिवों (सीपीएस) की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई मंगलवार को नहीं हो सकी और अब इसे 21 जनवरी के लिए पुनर्निर्धारित किया गया है। हिमाचल प्रदेश के महाधिवक्ता अनूप रतन ने बताया कि सुनवाई बुधवार या उसके बाद भी हो सकती है।

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने छह विधायकों—रोहड़ू के मोहन लाल ब्राक्टा, अर्की के संजय अवस्थी, दून के राम कुमार चौधरी, कुल्लू के सुंदर ठाकुर, पालमपुर के आशीष बुटेल और बैजनाथ के किशोरी लाल—की सीपीएस नियुक्तियों को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। इसके बाद राज्य सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ राज्य सरकार और पूर्व सीपीएस द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका पर विचार करेगी। इसके साथ ही इस मामले को अदालत में पहले से लंबित एक समान मामले के साथ जोड़ दिया गया है।

यदि सुप्रीम कोर्ट उच्च न्यायालय के निर्णय को सही ठहराता है और छह विधायकों की सीपीएस नियुक्तियों को अवैध घोषित करता है, तो इससे सुक्खू सरकार के बहुमत पर असर पड़ सकता है। यह मामला हिमाचल प्रदेश की राजनीतिक स्थिरता के लिए अहम साबित हो सकता है।