इस बार हुई कम बारिश-बर्फबारी से सिंचाई और जन स्वास्थ्य विभाग को प्रदेश में अभी से ही पानी का संकट गहराने लगा है। पहाड़ों में बर्फबारी ना होने और बढ़ती गर्मी के चलते खड्डे अभी से ही सूखने लगी हैं।
इसी कड़ी में अब धर्मशाला सिंचाई विभाग भी काफी चिंतित है और अब शिमला की तर्ज पर धर्मशाला में भी पानी की सप्लाई समय-समय पर दी जा सकती है। यानी कि यहां भी अब वॉटर राशनिंग करनी पड़ सकत है। इस बारे में अधिशाषी अभियंता विकास बक़्शी ने कहा कि फिलहाल शहर और विधानसभा के लगभग 90 हज़ार की जनसंख्या को प्रतिदिन साढ़े 66 लाख लीटर पानी उपलव्ध करवाया जा रहा है। पानी के सोर्सेज से जितना पानी आ रहा है उतना सप्लाई किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि विभाग भविष्य के लिए पानी की स्टोरेज करने का प्रयास कर रहा है ताकि जल का संकट सामने न आये। अगर दो तीन सप्ताह के भीतर बारिश या बर्फबारी नहीं होती है तो संभवता जल संकट यहां की जनता को झेलना पड़ सकता है। धर्मशाला पर्यटन की दृष्टि से भी विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहां हर रोज हज़ारों पर्यटक आते हैं जिस कारण पानी की खपत भी अधिक होती।