<p>हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग ने स्कूली छात्रों के पक्ष में महत्वपूर्ण फैसला लिया है। विभाग ने दूरदराज क्षेत्रों के सभी स्कूलों को नोटिस भी जारी कर दिये हैं। विभाग का कहना है कि अब स्कूलों में मीड-डे मील बनाने के लिए स्कूली छात्रों से काम नहीं करवाया जाएगा और ना ही उनसे लकड़ियां आदी मंगवाई जाएंगी। विभाग का कहना है कि इससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती है।</p>
<p>साथ ही विभाग ने ये नोटिस दिया है कि मीड-डे मील बनाने के लिए दूसरे इंधन की व्यवस्था की जाए। अब हिमाचल के दूर दराज इलाकों में छात्रों की पढ़ाई के साथ कोई भी खिलवाड़ नहीं होगा औऱ उनको मिलने वाली मीड-डे मील की सुविधा भी पूरी तरह से उपलब्ध होगी।</p>
<p>गौरतलब है कि दैनिक अख़बार के मुताबिक, प्रदेश के दूरदराज औऱ पिछड़े इलाकों के स्कूलों में मिड-डे मील बनाने के लिए लकड़ी के ईंधन का इस्तेमाल किया जाता है। इन स्कूलों में छात्रों से लकड़ियां इकट्ठी करवाई जाती हैं, ऐसे में स्कूली छात्र जंगल जाकर मिड-डे मिल बनाने के लिए लकड़ियां लाते हैं। इसके बाद स्कूलों में छात्रों को दोपहर का भोजन बनता है।</p>
<p>वहीं, अभी भी प्रदेश के कई स्कूलों में मिड-डे मिल बनाने के लिए एल.पी.जी. गैस उपलब्ध नहीं करवाई गई है। ऐसे में स्कूलों में मिड-डे मिल बनाने के लिए कर्मचारियों को खासी दिक्कतें पेश आ रही हैं।</p>
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