कोरोना के बाद नई-नई बीमारियां सामने आ रही हैं. पहले मंकीपॉक्स और अब लंपी वायरस (LSD) ने लोगों को चिंता में डाल दिया है. गुजरात-राजस्थान और पंजाब के के बाद इस वायरस ने हिमाचल में भी कोहराम मचाना शुरू कर दिया है.
पशुओं को मौत की नींद सुलाने वाला ‘लंपी’ वायरस देश भर में पांव पसार रहा है. इस बीमारी से शिमला सहित प्रदेश भर में हड़कंप मच गया है. गुजरात मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा समेत अन्य राज्यों में दहशत मचाने के बाद हिमाचल में भी संक्रमण तेजी से फैल रहा है. हिमाचल में ‘लंपी संक्रमण के, 1000 मामले सामने आ चुके हैं. जबकि 51 पशुओं की मौत हो चुकी है. इस वायरस के फैलने से पशुओं को 105 से 107 डिग्री सेल्सियस तेज बुखार हो सकता है. इसके अतिरक्ति पशुओं के शरीर में निशान बनते हैं और बाद में निशान घाव बन जाते हैं. उनपशुओं के मुंह से लार टपकनी शुरू होती है. इस वायरस का सबसे ज्यादा संक्रमण गायों में हो रहा है.
‘लंपी’ वायरस एक तरह का त्वचा रोग है। जिसका मच्छरों, मक्खियों, जुओं आदि की वजह से फैलने का खतरा माना जाता है। मवेशियों में एक दूसरे के संपर्क में आने ये बीमारी जानवरों में फैल सकती है। ये बीमारी जानलेवा है। यही वजह है की इससे जानवर की मौत हो रही है। प्रदेश की राजधानी शिमला से सटे आनंदपुर और बड़ा गाँव व पंथाघाटी क्षेत्र में इससे दर्जन गायों की मौत हो गई है. वहीं कई पशु संक्रमित हो चुके हैं.
पशु पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया की हिमाचल में एक हज़ार मामले सामने आ चुके हैं. जबकि 51 पशुओं की मौत हो चुकी है. ये चिन्ता का विषय है. विभाग ने ‘लंपी’ वायरस से निबटने के लिए पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध है. सभी जिलों में विभाग के अधिकारियों को बिना टेंडर के ही वैक्सीन खरीदने के निर्देश दिए हैं ताकि पशुओं को संक्रमण से बचाया जा सके. उन्होंने बताया की प्रदेश के सभी जिलों में लंपी संक्रमण के मामले आ चुके है. इसलिए सरकार जल्द इसको महामारी घोषित करेगी.