हिमाचल पुलिस की छवि पर एक और दाग लगा है। प्रदेश हाईकोर्ट ने सीबीआई को राज्य पुलिस के उन अफसरों पर केस दर्ज करने को कहा है, जिन्होंने एक मामले में झूठे दस्तावेज तैयार किए। हाईकोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया है कि वह हिमाचल पुलिस के 3 कर्मियों सहित 2 अन्य लोगों के खिलाफ मादक पदार्थ रखने का झूठा मामला बनाने की आपराधिक साजिश रचने, इसके लिए झूठे दस्तावेज व साक्ष्य तैयार करने, फिरौती वसूलने का डर दिखाकर झूठे आरोप लगाने और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत नियमित मामला दर्ज कर इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाये। हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान ने प्रार्थी रवि कुमार की तरफ से दाखिल जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किये।
ये है मामला
सीबीआई ने मामले की आरंभिक जांच में पाया कि पुलिस थाना सदर मंडी में तैनात एसआई जय लाल और इसी थाने के तहत पुलिस सिटी चौकी मंडी में तैनात एएसआई राम लाल और कांस्टेबल प्रदीप कुमार ने मंजीत कुमार और जसबीर सिंह के साथ मिलकर रवि कुमार के खिलाफ मादक पदार्थ रखने का झूठा मामला बनाया। इन सभी ने रवि कुमार से 20 लाख रूपये की फिरौती की मांग की थी। प्रार्थी रवि कुमार की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि उसके खिलाफ मादक पदार्थ रखने का झूठा मामला बनाया गया है।
इस मामले की शिकायत प्रार्थी ने पुलिस के उच्च अधिकारियों को भी की थी। लेकिन पुलिस कर्मियों के खिलाफ जांच भी की गई थी और उनकी इस कथित साजिश मे संलिप्तता प्रतीत होने के बाबजूद बिना किसी ठोस कारण के आरोपी पुलिसवालों को क्लीन चिट दे दी गई। प्रार्थी रवि कुमार के पिता रमेश चंद ने अपनी शिकायत में यह कहा था कि मंजीत सिंह, सहायक पुलिस निरीक्षक राम लाल ऐर कांस्टेबल प्रदीप कुमार द्वारा रची गयी कथित साजिश के तहत उसके बेटे को झूठे आरोपों के तहत फंसाया गया है।