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अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस पर राज्यपाल ने की बैठक, आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने पर दिया बल

पी. चंद |

अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर राज्यपाल ने स्वयं सहायता समूहों और ग्रामीण विकास एवं सहकारिता विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का उद्देश्य ‘लोकल, वोकल और गलोबल’ से है। इसके तहत स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर उन्हें ब्रांड के तौर पर प्रचारित कर उन्हें व्यापक स्वरूप देना है।

उन्होंने मांग के अनुरूप उत्पाद तैयार करने पर बल देते हुए कहा कि मांग के अनुरूप उत्पादन किया जाए तो आपूर्ति अपने आप हो जाती है। स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए स्वयं सहायता समूह को ऑन-लाईन प्रशिक्षण भी दिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने समूह के सदस्यों से सोशल नेटवर्किंग का अधिक से अधिक उपयोग करने पर जोर दिया। ऐसे समूहों को नाबार्ड औऱ खादी ग्रामोद्योग के माध्यम से अधिक आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए।

राज्यपाल ने समूह के सदस्यों से मेरा गांव और समाज की भावना से कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया। पिछड़ा वर्ग और जनजातीय क्षेत्र के लोगों द्वारा तैयार उत्पाद की मार्किटिंग की आवश्यकता है, जिसके लिए उन्हें पर्यटन क्षेत्रों में उत्पादों को दुकानों के माध्यम से बेचने की संभावनाओं का पता लगाया जाना चाहिए। आज प्राकृतिक कृषि के उत्पाद की ज्यादा मांग है। उनके लिए परिवहन और आउटलेट दिए जा सकते हैं। कुटीर श्रम को खादी एवं ग्रामोद्योग से जोड़ने की आवश्यकता है।

दत्तात्रेय ने संबंधित विभागों को ज्यादा से ज्यादा प्रस्ताव और परियोजना रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों को भेजने के लिए कहा कि जिससे इन समूहों को अधिक से अधिक अनुदान मिल सके। उन्होंने खुशी जताई कि विभिन्न स्वयं सहायता समूहों द्वारा कोरोना महामारी के दौरान 18 लाख से अधिक मास्क तैयार किए गए।