मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज यहां हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के सभागार में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिक्षक एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ के अभिवादन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि शिक्षक ही राष्ट्र और समाज के शिल्पकार हैं और राज्य सरकार इनके कल्याण और प्रतिबद्ध है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पंजाब सरकार के छठे वेतनमान की तर्ज पर कर्मचारियों को नए वेतनमान का लाभ देने का निर्णय लिया है. इसके अलावा प्रदेश सरकार ने राज्य के महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में कार्यरत लगभग 32,000 प्रवक्ता और प्राध्यापकों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के वेतनमान का लाभ देने का भी निर्णय लिया है.
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और कर्मचारी वर्ग की हर उचित मांग सरकार ने स्वीकृत की है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षकों को यूजीसी स्केल प्रदान करने के इस निर्णय से विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के प्रवक्ताओं को 1 जनवरी, 2016 से 31 मार्च, 2022 तक संशोधित यूजीसी स्केल प्रदान करके 337 करोड़ रुपये का लाभ प्रदान किया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वर्तमान वित्त वर्ष के लिए शिक्षा क्षेत्र के लिए 8412 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा आधुनिक समय की आवश्यकता है और प्रदेश सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. हिमाचल प्रदेश की स्थापना के बाद से अब तक प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है और साक्षरता दर में यह देश में दूसरे स्थान पर है.
जय राम ठाकुर ने कहा कि राष्ट्र अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष मना रहा है और इन वर्षों में शिक्षकों ने राष्ट्र को सशक्त बनाने में बहुत बड़ा योगदान दिया है. उन्होंने शिक्षकों से इस आयोजन में उत्साहपूर्वक भाग लेने का आग्रह किया ताकि युवा पीढ़ी को राष्ट्र की इस स्वर्णिम यात्रा के बारे में जागरूक किया जा सके. उन्होंने कहा कि प्रदेश अपने अस्तित्व के 75 वर्ष भी मना रहा है. उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्य होने के बावजूद प्रदेश ने विकास के सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है. उन्होंने कहा कि 1948 में राज्य में केवल 301 शिक्षण संस्थान थे, जबकि आज राज्य के लगभग 16,124 शिक्षण संस्थान हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा समाज के कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रहीं हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने गरीबों के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री सहारा योजना, मुख्यमंत्री शगुन योजना, हिमकेयर योजना तथा मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना सहित अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि शहरों में भीड़-भाड़ कम करने की आवश्यकता है ताकि नागरिकों को उचित बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जा सकें. उन्होंने कहा कि शिमला और धर्मशाला में स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत अनेक विकासात्मक कार्य किए जा रहे हैं.
इस अवसर पर शिक्षकों के विभिन्न संघों ने मुख्यमंत्री का विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों के शिक्षकों के लिए यूजीसी वेतनमान लागू करने के लिए आभार व्यक्त करते हुए उन्हें सम्मानित किया.
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने 2.20 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले तृतीय श्रेणी कर्मचारी खण्ड के लिए नॉन टीचिंग स्टाफ क्वार्टर और विश्वविद्यालय परिसर में 12.90 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले बहुमंजिला पार्किंग परिसर का शिलान्यास किया.
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि छात्रों के कौशल विकास के लिए स्कूलों और महाविद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के शिक्षकों को यूजीसी वेतनमान प्रदान कर राज्य सरकार ने उन्हें 337 करोड़ रुपये का लाभ प्रदान किया है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए हर घर पाठशाला के तहत ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था की गई. उन्होंने कहा कि छात्र व्हाट्सएप और वेबसाइट के माध्यम से जुड़े हुए थे और लगभग दो लाख व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए, जिससे लगभग आठ लाख से अधिक छात्र लाभान्वित हुए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने श्रीनिवास रामानुजन छात्र डिजिटल योजना के तहत राज्य के 19,847 मेधावी छात्रों को आधुनिक तकनीक से लैस लैपटॉप वितरित किए हैं, क्योंकि कोरोना संकट के कारण पिछले दो वर्षों से मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप वितरित नहीं किए जा सके थे.
कुलपति प्रो. एस.पी. बंसल ने विश्वविद्यालय परिसर में मुख्यमंत्री का स्वागत किया और शिक्षकों के विभिन्न मुद्दों पर हमेशा संवेदनशीलता से विचार करने के लिए उनका आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपनी रैंकिंग में सुधार के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है ताकि उसे यूजीसी से अधिक धनराशि प्राप्त हो सके.
हिमाचल प्रदेश शासकीय महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. धर्मवीर एस. धरवाल ने विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के शिक्षकों के लिए यूजीसी के पैमानों को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया.