➤ पुराना वाहन स्क्रैप करने पर नए पर टैक्स में 50% छूट
➤ निजी और व्यावसायिक दोनों श्रेणियों पर लागू होगी राहत
➤ प्रदूषणकारी वाहनों को हटाने और पर्यावरण बचाने का बड़ा कदम
हिमाचल प्रदेश सरकार ने पुराने और प्रदूषणकारी वाहनों को सड़कों से हटाने और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने नई वाहन स्क्रैप नीति (Vehicle Scrap Policy) के तहत पुराने वाहनों को स्क्रैप करने पर नए वाहन खरीदने पर मोटर व्हीकल टैक्स (रोड टैक्स/टोकन टैक्स) में 50 प्रतिशत तक की छूट देने का ऐलान किया है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी नजीम की ओर से इस संबंध में अधिसूचना वीरवार को राजपत्र में जारी कर दी गई है। इसके अनुसार, यदि वाहन मालिक अपना पुराना वाहन अधिकृत स्क्रैपिंग सेंटर (Registered Vehicle Scrapping Facility – RVSF) में जमा कर नया वाहन खरीदते हैं, तो उन्हें टैक्स छूट का लाभ मिलेगा।
यह छूट निजी और व्यावसायिक दोनों वाहनों पर लागू होगी। व्यावसायिक वाहनों के लिए यह राहत पंजीकरण की तारीख से 8 साल तक, जबकि निजी वाहनों के लिए 15 साल तक मान्य होगी। शर्त यह है कि पुराना वाहन स्क्रैप करने के बाद उसी श्रेणी का नया वाहन खरीदना होगा और नए वाहन की रजिस्ट्रेशन के समय सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि यह छूट केवल भारत स्टेज-I या उससे पहले के उत्सर्जन मानकों पर बने वाहनों और भारत स्टेज-II मानकों वाले मीडियम व हैवी गुड्स और पैसेंजर वाहनों पर लागू होगी। निजी वाहनों में यह सुविधा केवल पहली रजिस्ट्रेशन के समय ही मिलेगी।
परिवहन विभाग के अनुसार, यह नीति न सिर्फ प्रदूषण को कम करने में सहायक होगी बल्कि नई गाड़ियों की बिक्री को भी बढ़ावा देगी। आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल में कुल 22,43,524 पंजीकृत वाहन हैं, जिनमें से 19,25,593 निजी वाहन और 3,17,931 व्यावसायिक वाहन शामिल हैं। वहीं, राज्य में फिलहाल 2,811 इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत हैं, जिनमें 2,412 निजी और 399 व्यावसायिक वाहन शामिल हैं।
सरकार का यह कदम आने वाले समय में राज्य के परिवहन क्षेत्र को पर्यावरण अनुकूल और आधुनिक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।



