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7 जनवरी से पूर्व चुनावीं खर्च का लेखा-जोखा जमा करें सभी उम्मीदवारः व्यय प्रेक्षक

पी. चंद |

विधानसभा चुनाव-2022 के प्रत्याशियों को 7 जनवरी 2023 से पूर्व चुनावी खर्चा का लेखा-जोखा जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना होगा. यह बात भारत निर्वाचन आयोग की ओर से विधानसभा चुनाव के लिए नियुक्त व्यय प्रेक्षकों अजहर जैन वयाल परमबथ तथा अखिलेश गुप्ता ने आज बचत भवन में प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों से कही.
बैठक में व्यय प्रेक्षक ने कहा कि निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत चुनाव परिणामों की घोषणा के 30 दिन के भीतर प्रत्येक प्रत्याशी को अपना चुनावी खर्च का पूरा ब्यौरा जमा करना होता है. इसलिए चुनावी खर्च का लेखा-जोखा जमा करने की अंतिम तिथि 7 जनवरी है.
उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान उम्मीदवारों के व्यय रजिस्टरों की तीन बार जांच की जा चुकी है तथा यह अंतिम मिलान है. उम्मीदवारों द्वारा तैयार किए गए दैनिक खर्च रजिस्टर, कैश रजिस्टर तथा बैंक रजिस्टर का मिलान सहायक व्यय प्रेक्षकों के शैडो रजिस्टर के साथ किया जाएगा. इसलिए सभी उम्मीदवार ध्यानपूर्वक अपने खर्च का लेखा-जोखा दें.
उन्होंने यह भी कहा कि व्यय का पूरा ब्यौरा न देने पर या सही ढंग से ब्यौरा न देने पर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 10ए के तहत भारत निर्वाचन आयोग उम्मीदवार को अयोग्य घोषित किया जा सकता है. इसलिए आज की बैठक में अगर किसी भी उम्मीदवार के व्यय रजिस्टर में अगर कोई त्रुटि रह गई है. तो उसे दूर करने का एक और अवसर प्रदान किया जा रहा है. साथ ही सभी उम्मीदवार तय समय सीमा के भीतर अपने चुनाव व्यय का हिसाब जमा करें. 
 
40 लाख खर्च की अधिकतम सीमा
वहीं, बैठक में उपस्थित जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 77 के तहत विधानसभा चुनाव के उम्मीदवार के लिए चुनावी खर्च की अधिकतम सीमा 40 लाख रुपए है.
उन्होंने कहा कि परिणाम की घोषणा के 26 दिन के उपरांत इस तरह की बैठक में उम्मीदवार के व्यय रजिस्टर का मिलान शैडो रजिस्टर के साथ किया जाता है तथा इस बैठक के माध्यम से उम्मीदवार अपने रजिस्टर की त्रुटियों को दूर कर सकते हैं। जिसके लिए वह संबंधित विधानसभा क्षेत्र के सहायक व्यय प्रेक्षक तथा अकाउंटिंग टीम के सदस्यों की सहायता ले सकते हैं.