<p>शिमला में अंग्रेज़ों के जमाने से बनी कई रियायसी इमारतें कभी भी धराशायी होकर ताश के पत्तों की तरह गिर सकती हैं। ये इमारतें 100 साल से भी ज्यादा की उम्र काट चुकी हैं। लोअर बाजार मॉल रोड़ व गंजबाज़ार सहित मिडिल बाज़ार में दर्जनों ऐसी इमारतें है जिसने पत्थर टूट कर गिर चुके हैं या गिरते रहते हैं। जर्जर हालात हो चुकी इन इमारतों में किसी की रियायस है तो किसी की दुकान।</p>
<p>ये इमारतें सबके लिए खतरा बन चुकी हैं। इनमे से कुछ इमारतों को तो प्रसाशन ने असुरक्षित भी घोषित कर रखा है लेकिन इन इमारतों को खाली करने को न तो लोग तैयार है न ही प्रशासन ही इनको खाली करवा पाया है। शायद किसी बड़े हादसे का इंतज़ार है सबको?</p>
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