जेएनयू में हुई हिंसा के खिलाफ एचपीयू के भूतपूर्व केंद्रीय छात्र संघ के पदाधिकारी एकजुट हो गए हैं। छात्र संघ ने जेएनयू के कुलपति को पद से हटाने की मांग राष्ट्रपति से की है । पूर्व पदाधिकरियों ने शिमला में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा ओर इस मामले में हस्तक्षेप कर कुलपति को हटाने की मांग की ।
शिमला में आयोजित प्रेस वार्ता में संघ के सदस्यों ने कहा कि जेएनयू एक ऐसा प्रतिष्ठित संस्थान है जो नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क में देश के शिक्षण संस्थानों में दूसरे स्थान पर रहा है । जिस विश्वविद्यालय का निर्माण ही ऐसे छात्रों को शिक्षा देने के लिए किया गया है जो गरीब हैं या सामाज से जिन्हें अलग किया जाता है। उस विश्वविद्यालय में पहले तो फ़ीस बढ़ोतरी कर छात्रों को शिक्षा से दूर किया जा रहा है ओर जब इस निर्णय के खिलाफ़ छात्र आवाज उठाते हैं तो उनकी आवाज को दबाने के लिए उन पर हमले करवाए जा रहे हैं।
संघ के सदस्य और विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि जो हिंसा जेएनयू में हुई है वह उसका कड़ा विरोध करते हैं । उन्होंने कहा कि यह हिंसा इस विवि के कुलपति के इशारों पर ओर बीजेपी सरकार के संरक्षण पर की गई है । जानबूझकर छात्रों पर हमला किया गया है और यही वजह है कि वह जेएनयू के कुलपति को पद से हटाने की मांग राष्ट्रपति से कर रहे है ।
उन्होंने कहा कि इस हिंसा को हुए इतने दिनों का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है । पदाधिकारियों ने आगाह करते हुए कहा कि यदि कुलपति को नही हटाया जाता है तो वे जनता के बीच जा कर उग्र आंदोलन शुरू करेंगे।



