डेस्क। देश-प्रदेश में बढ़ती महंगाई ने आम आदमी का जीना दुश्वार कर दिया है। खाद्य पदार्थों, तेल आदि के साथ-साथ भवन निर्माण सामग्री की कीमतें भी काफी ज्यादा बढ़ चुकी हैं। दैनिक अखबार में छपि एक ख़बर के मुताबिक, पिछले दो साल में सरिये का दाम प्रति क्विंटल 3600 रुपये बढ़ गया है। बढ़ती महंगाई के बीच भवन निर्माण सामग्री रेत, क्रशर और ईंटों के दाम भी बढ़े हैं।
एक विक्रेता ने दैनिक अखबार के साथ कहा कि रेत और क्रशर के दाम में अभी आंशिक वृद्धि हुई है। पेट्रोल और डीजल महंगा होने से दाम और बढ़ने की उम्मीद है। यही नहीं सरिया और बाकी भवन सामग्री में भारी इजाफा हुआ है। सरिया के दाम 2020 में जो 45 से 4600 क्विंट्ल हुआ करते थे वे 2022 में 8000 से 8200 प्रति क्विंटल रुपये हो चुके हैं।
सीमेंट सहित यहां बढ़ी महंगाई
पिछले 2 सालों में सीमेंट 90 रुपये महंगा हो गया है। दवाएं भी महंगी हुई हैं जिसमें बीपी, शुगर, गेस्टिक समेत अन्य दवाओं के दाम भी 10 से 20 फीसद तक बढ़े हैं। महंगाई की मार से शिक्षा भी अछूती नहीं रही है। कापियां, पेन और अन्य सामान भी महंगा हो गया है। शिक्षा सामग्री में 20 से 30 फीसद तक दाम में वृद्धि हुई है। सीमेंट की एक बोरी जो 2020 में 370 के करीब थी वे अब 2022 तक 460 तक पहुंच चुकी है।
खाद्य पदार्थों में इजाफा
इसके साथ ही खाद्य पदार्थों में भारी इजाफा दर्ज हुआ है। खाने वाले सरसों की तेल की कीमतों 2 सालों में काफी बढ़ चुकी है। 2020 में सरसों की तेल की जो कीमत 145 से 160 प्रति लीटर हुआ करती थी वे 2022 में 220 से 240 प्रति लीटर तक पहुंच चुकी है। इसके साथ ही दालें और बाकी चीज़ों में काफी उछाल आया है।
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