<p>26 जनवरी समारोह में इस बार भी हिमाचल की झांकी दिखाई देगी। दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में इस बार हिमाचल की 1000 साल पुरानी विरासत को दिखाया जाएगा। जिसमें लाहौल-स्पीति का 1000 साल पुराना कीह मठ दिखेगा। गणतंत्र दिवस के लिए लगातार दूसरी बार हिमाचल की झांकी का चयन हुआ है।</p>
<p>रक्षा मंत्रालय की हरी झंडी के बाद बौद्ध धर्म के आस्था के केंद्र कीह मठ की शानदार झांकी तैयार की जा रही है। राजपथ पर कीह गोंपा की इस झांकी को आसियान देशों के प्रमुखों समेत पूरी दुनिया देखेगी। इससे लाहौल-स्पीति समेत पूरे हिमाचल में धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को पंख लग सकते हैं। पिछली बार चंबा रुमाल की झांकी गणतंत्र दिवस परेड में शामिल की गई थी।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>बौद्ध धर्म से संबंधित है मठ</strong></span></p>
<p>जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के काजा के पास स्थित कीह गोंपा बौद्ध धर्म के गेलुग संप्रदाय से संबंधित है। यह गोंपा तिब्बत और भारत की सदियों पुरानी सांस्कृतिक व धार्मिक विरासत को संजोए हुए है। समुद्रतल से करीब 4500 मीटर की ऊंचाई यह मठ एक टीले पर है। यहां करीब 300 भिक्षु-भिक्षुणियां बौद्ध धर्म की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। यह मठ विदेशी शोधार्थियों का भी केंद्र है। महान अनुवादक रिंचेन जंगपो के अवतारी लामा इस मठ के मठाधीश रहे हैं। वर्तमान में मठाधीश टीके लोचेन टुलकू को रिंचेन जंगपो का 19वां अवतारी लामा माना जाता है।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>आसियान के 10 देशों के प्रमुख होंगे शामिल</strong></span></p>
<p>इस बार दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में आसियान के 10 देशों के प्रमुख शामिल होंगे। आसियान देशों के भारत से सदियों पुरानी धार्मिक व सांस्कृतिक संबंध रहे हैं। ऐसे में गणतंत्र दिवस में कीह मठ की झांकी संबंधों को और प्रगाढ़ करेगी।</p>
<p>कृषि एवं जनजातीय विकास मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा का कहना है कि कीह मठ की झांकी से धार्मिक एवं सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। कीह मठ के प्रमुख टीके लोचेन टुलकू ने भी खुशी जाहिर की है।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>1000 साल पुराना है कीह गोंपा</strong></span></p>
<p>कीह गोंपा को वर्ष 1008 के आसपास एक बौद्ध लामा धोमतन ने बनवाया था। कीह मठ के पहले प्रमुख लामा रिंचेन्न जंगपो हुए। उसके बाद उनके अवतार लेने वाले रिंपोचे इस गद्दी को संभालते आ रहे हैं। तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी दो बार इस गोंपा के दर्शन कर चुकी हैं। कीह गोंपा के प्रमुख अवतारी टीके लोचेन टुलकु ने बताया कि साल 2000 में कीह मठ ने अपना मिलेनियम (1000 साल) उत्सव मनाया। महामहिम दलाईलामा भी यहां दो बार आ चुके हैं।</p>
<p> </p>
<p> </p>
Blog: Shivanshu Shukla Kangra Airport flight disruptions: देश विदेश के सैलानियों के लिए आकर्षण और…
DigiLocker issues for disabled: मंडी के बाबा भूतनाथ मंदिर परिसर में शनिवार को हिमालयन दिव्यांग…
Himachal Technical University convocation: हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय, हमीरपुर का पांचवां दीक्षांत समारोह राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी…
PWD Multi-Task Workers ₹5000: हिमाचल प्रदेश सरकार ने लोक निर्माण विभाग में नियुक्त करीब 4,800…
कांगड़ा एयरपोर्ट पर अत्याधुनिक डिसड्रोमीटर से मौसम अध्ययन को मिलेगा नया आयाम भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम…
Himachal building map approval fees: हिमाचल प्रदेश में अब मकान या व्यावसायिक भवन निर्माण और…