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कुल्लू: श्रम कानून संशोधन के विरोध में सड़कों पर उतरी ट्रेड यूनियन

<p>श्रम कानून संशोधन के विरोध मामले को लेकर ट्रेड यूनियन सड़कों पर उतर गई हैं।&nbsp; केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आवाहन पर कुल्लू में भी ट्रेड यूनियन ने स्थानीय जनता के साथ सड़क पर उतरकर बिल संशोधन का कड़ा विरोध जताया है । इस दौरान जिला कमेटी ने नेहरू पार्क से लेकर डीसी कार्यालय तक एक विशाल रैली निकाली जिसमें सैकड़ों की संख्या में महिला और पुरुषों ने भाग लिया।धरने को संबोधित करते हुए सीटू राज्य महासचिव प्रेम गौतम ने कहा कि केंद्र की मौजूदा बीजेपी सरकार द्वारा 23 जुलाई 2019 को देश की संसद में वेज कोड बिल 2019 और ओ एस एच बिल 2019 को पेश किया गया। यह दोनों बिल उन सभी 17 अलग-अलग श्रम कानूनों की जगह है जो देश के मजदूरों ने सालों साल संघर्ष करके हासिल किया था ।</p>

<p>उदाहरण के तौर पर लेबर बैच कोड बिल में न्यूनतम मजदूरी 178 रुपये स्थापित है । जबकि सरकार द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ कमेटी ने 375 रुपये वेतन निर्धारित की जबकि केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 18000 मासिक वेतन की मांग की है जिसके लिए बड़े बड़े आंदोलन हुए हैं । मौजूदा बिल के कानून बन जाने से मजदूरों के काम करने के घंटे से लेकर यूनियन बनाने के अधिकारों को खत्म करने की बात कही गई है। इसके साथ बोनस एक्ट खत्म किया गया। इन कानूनों के बन जाने से मजदूरों को उद्योगपतियों का गुलाम बनकर काम करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इसके साथ-साथ निर्माण मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा के लिए जो कानून भवन एवं अन्य संनिर्माण कामगार अधिनियम 1996 की पार्टियों के दबाव के चलते तत्कालीन सरकार बनाना पड़ा था। जिसके तहत अनेक सुविधाएं जैसे पेंशन ,वजीफा, विवाह के लिए सहायता राशि आदि सुविधाओं का प्रावधान है। इस कानून को भी मौजूदा केंद्र सरकार राज्य सरकारों से छीनकर अपने अधीन करना चाहती है । इसका सीटू पूरे प्रदेश में विरोध करती है।</p>

<p>उन्होंने कहा कि अपने कॉरपोरेट आकाओं के इशारे पर बीजेपी सरकार बड़ी बेशर्मी से श्रम कानूनों में मालिकों के पक्ष में बदलाव कर मजदूरों कर्मचारियों को गुलाम बनाने का साजिश कर रही है जिसका पूरे देश में&nbsp; विरोध किया जा रहा है । भवन एवं सड़क निर्माण मजदूर यूनियन के जिला महासचिव चमन ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में मौजूदा सरकार मनरेगा मजदूरों को वर्ष में 120 दिन का काम नहीं दे पा रही है। मनरेगा मजदूरों को पंचायतों में काम नहीं मिल रहा है।</p>

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