हिमाचल प्रदेश में लम्पी कहर मचा रहा है. प्रदेश में अभी तक 50307 पशु लम्पी संक्रमण से ग्रसित हो चुके हैं. जबकि 1962 की मौत हो चुकी है. अगस्त माह के शुरू में लम्पी संक्रमण ने हिमाचल में दस्तक दी थी. एक माह में ही ये आंकड़ा तेजी से बढ़कर पचास हज़ार को पार कर गया है.
पिछले 24 घंटे के दौरान ही 145 पशुओं की मौत संक्रमण से हो चुकी है. 17990 पशु रिकवर हो चुके हैं जबकि 30355 पशु अभी भी संक्रमण का शिकार हैं. संक्रमण से 18625 मामलों के साथ कांगड़ा जिला सबसे आगे है. उसके बाद ऊना 8585 व सिरमौर में 8011 मामले है. इसके अलावा सभी जिलों में लम्पी संक्रमण से पशु बीमार हैं.
ग्रामीण विकास, पंचायतीराज, पशु पालन एवं मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने आज यहां बताया कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में गौवंश में लम्पी चमड़ी रोग फैलने की आशंका को कम करने तथा इसे नियंत्रित करने के लिए प्रदेश सरकार ने पशु पालन विभाग के माध्यम से त्वरित कदम उठाए जा रहे हैं. सभी प्रभावित जिलों में विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की टीमें बनाई गई हैं.
पशुपालकों को जागरुक भी किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सभी जिलों में रोगी पशुओं के उपचार के लिए पर्याप्त दवाइयां उपलब्ध हैं. वैक्सीन खरीदने के लिए 12 लाख रुपये की अतिरिक्त धनराशि भी जारी की गई है. सरकार ने लम्पी संक्रमण को महामारी घोषित कर दिया है.
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