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मनाली-लेह सड़क 20 नवंबर से बंद, बीआरओ की सिफारिश के बाद डीसी लाहौल-स्पीति ने जारी की अधिसूचना

➤ 20 नवंबर से मनाली-लेह सड़क वाहनों की आवाजाही के लिए आधिकारिक तौर पर बंद
➤ भारी बर्फबारी, ब्लैक आइसिंग और खतरनाक परिस्थितियों को देखते हुए बीआरओ ने की सिफारिश
➤ मूलिंग पुल के पास पहाड़ी दरकने से हाईवे तीन घंटे बंद, वनवे बहाल


हिमाचल प्रदेश को लद्दाख से जोड़ने वाली 435 किलोमीटर लंबी मनाली-लेह सड़क को प्रशासन ने 20 नवंबर से सभी वाहनों की आवाजाही के लिए आधिकारिक रूप से बंद करने का निर्णय ले लिया है। सोमवार को डीसी लाहौल-स्पीति किरण भड़ाना ने बीआरओ की सिफारिशों के आधार पर अधिसूचना जारी की। सर्दियों में इस मार्ग पर भारी बर्फबारी, ब्लैक आइसिंग और बेहद खतरनाक परिस्थितियों की आशंका को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की 70 आरसीसी ने प्रशासन को भेजे पत्र में स्पष्ट किया है कि जिंगजिंगबर से सरचू, गुलाबा से रोहतांग, और ग्रांफू से लोसर रूट पर 20 नवंबर के बाद सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही रोकना आवश्यक है। संगठन ने यह भी कहा कि यदि निर्धारित अवधि के बाद कोई वाहन या व्यक्ति इन कठिन मार्गों में फंसता है तो रेस्क्यू की जिम्मेदारी बीआरओ की नहीं होगी। यह सड़क अब अगले वर्ष मई-जून में बर्फ हटने के बाद ही दोबारा खोली जाएगी।

प्रशासन ने कहा है कि आपात स्थिति में, डीसी कार्यालय की अनुमति और बीआरओ के इनपुट के आधार पर सीमित आवाजाही की इजाजत दी जा सकती है। नवंबर के तीसरे सप्ताह से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पानी जमने लगता है, जिससे फिसलन और दुर्घटनाओं का खतरा तेजी से बढ़ जाता है। फिलहाल मौसम साफ होने के कारण मनाली-लेह और ग्रांफू-लोसर रूट पर सीमित संख्या में वाहन चल रहे हैं।

इस बीच, सोमवार सुबह मूलिंग पुल के पास पहाड़ी दरकने से मनाली-लेह हाईवे करीब तीन घंटे के लिए अवरुद्ध हो गया। केलांग से सिस्सू मार्ग पर अचानक बड़ी-बड़ी चट्टानें सड़क पर गिर गईं, जिससे दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई। सूचना मिलते ही पुलिस और बीआरओ की टीम मौके पर पहुंची और मशीनरी की मदद से करीब दोपहर 12 बजे तक मलबा हटाकर सड़क को वनवे बहाल किया गया। मंगलवार को शेष मलबा हटाने का कार्य पूरा किया जाएगा। केलांग की पुलिस अधीक्षक शिवानी ने पुष्टि की कि हाईवे वनवे बहाल कर दिया गया है।