बर्फबारी को लेकर समय-समय पर जारी की जाएगी एडवाइजरी: विधायक रवि ठाकुर
हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून ने काफी तबाही मचाई है जिसको देखते हुए पूरे प्रदेश में सभी जिला अधिकारियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं वहीं अगर हिमाचल प्रदेश के लाहौल घाटी की बात की जाए तो यहां पर भी जिला प्रशासन ने मौसम के मिजाज़ को देखते हुए समय रहते तैयारियां शुरू कर दी है। जिसके चलते खाद्य सामग्री के साथ साथ इधान आदि भी एकत्रित करना प्रारंभ कर दिया है।
इस अवसर पर क्वाईली क्षेत्र कांग्रेस विधायक रवि ठाकुर ने कहा कि इस बार के बरसात के मौसम में भारी बारिश के चलते समूचे हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश एवं बर्फबारी के चलते काफी नुकसान हुआ है, जिसके चलते लाहौल स्पीति भी इससे अछूता नहीं रह पाया है और ऐसी घड़ी में प्रदेश सरकार के मुखिया ठाकुर सुखविंदर सिंह ने तत्परता दिखाते हुए अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर पूरी स्थिति नजर हुए तत्परता से कार्य किया.
अब प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के बाद अब कुछ समान्य हो चुका है और आगामी शीत ऋतु के लिए लाहौल स्पीति पूरी तरह से तैयार है। जिसके चलते जिला प्रशासन से लेकर पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्ताक खड़ा है . उन्होंने कहा कि बर्फबारी के समय यहां पर रोहतांग दर्रा से ऊपर पर्वत श्रृंखलाओं के चलते काफी ग्लेशियर और हिमखंड होते है और यहां पर कई गांव 17000 सीट से भी अधिक ऊंचाई पर बसते हैं, जहां पर अधिक बराबरी के चलते जन जीवन समूचे भारत से कट जाता है और वहां पर लोगों के लिए खाद्य पूर्ति से लेकर जरूरी वस्तुओं को पहुंचाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है.
वहीं इस अवसर पर सड़कों के साथ साथ पर्यटक स्थलों के जीवन उद्धार और इको टूरिज्म को बढ़ावा देने पर्वत श्रृंखला माला के तहत भाषा संस्कृति विभाग एवम पर्यटन विभाग द्वारा केंद्र से 200 करोड़ की धनराशि की मांग की गई है ताकि धार्मिक एवम पर्यटक स्थलों का जीवनौधार किया जा सके. बौद्ध मट तथा अन्य पर्यटक स्थलों पर सैलानियों का जमावड़ा लगा होता है.
इसको लेकर इको टूरिज्म को भी बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार वचनबद्ध है जिसको लेकर होमस्टे बनाने को लेकर बल दिया जा रहा है ताकि आम जनमानस की जीविका चल सके और घूमने आए सैलानियों के लिए विभिन्न क्षेत्रीय व्यंजनों के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन कर पर्यटको के लिए आकर्षण का केंद्र बनाया जा सके. उन्होंने कहा कि पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए साहसी खेलों का भी बर्फबारी के दौरान आयोजन किया जाता है. इस मौके पर सफारी का भी वन विभाग द्वारा बाहर से घूमने आने वाले सैलानियों को बर्फीले तेंदुआ और अन्य वन प्राणियों के तिदार हो सके जिसके चलते अधिक से अधिक सैलानी लाहौल घाटी की ओर रुख कर सके.
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