NEP 2020 के अनुसार संस्थान के बी.टेक. करिकुलम की नई संरचना करते हुए भारतीय ज्ञान प्रणालियों पर जोर
मंडी: आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दिशानिर्देशों के अनुसार करिकुलम में नयापन लाने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। आईआईटी परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए बेहरा ने कहा कि संस्थान ने अंडर ग्रैजुएट कोर्स करिकुलम में सुधार करते हुए विद्यार्थियों के समग्र विकास और उन्हें तनाव-मुक्त शिक्षा देने की बड़ी पहल की है। उन्होंने कहा कि एनईपी के तीन साल पुरे होने पर भारत सरकार की ओर से दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजन किया जा रहा है। जिसमें आईआईटी मंडी की भूमिका भी अहम रहेगी।
प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा ने कहा कि अईआईटी मंडी हिमाचल प्रदेश का गौरव है। उन्होंने कहा,कि आईआईटी मंडी में हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारे छात्रों के पास एक लचीला पाठ्यक्रम है जो उन्हें प्रथम वर्ष के बाद उनकी रुचि के आधार पर अपनी शाखा बदलने की अनुमति देता है। हम एक ऐसी संरचना बनाने पर काम कर रहे हैं जहां इंजीनियरिंग और मेडिकल पृष्ठभूमि के शोधकर्ता इंटरडिसप्लनेरी अनुसंधान करेंगे और उन्हें उस विशेषज्ञता को चुनने की स्वतंत्रता होगी जिसे वे आगे बढ़ाना चाहते हैं। एनईपी 2020 का एक प्रमुख पहलू सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना है।
भारतीय ज्ञान प्रणाली और मानसिक स्वास्थ्य अनुप्रयोग केंद्र यह सुनिश्चित कर रहा है कि छात्रों को भारतीय ज्ञान प्रणाली से परिचित कराया जाए। हमारा पाठ्यक्रम सुनिश्चित करता है कि छात्रों को समग्र विकास का अनुभव मिल रहा है। प्रोफे सर बेहरा ने बताया, कि आईआईटी मंडी में क्वांटम विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र को आगे बढ़ाने और भविष्य की पीढिय़ों को शिक्षित करने केलिए समर्पित एक क्वांटम कंप्यूटर का निर्माण करेगा। समग्र विकास – एनईपी 2020 के दिशानिर्देशों के अनुसार आईआईटी मंडी अपने छात्रों और संकाय के सदस्यों के समग्र विकास पर जोर देता है। इसके तहत शारीरिक व मानसिक स्फूर्ति और सॉफ्ट कौशल के विकास पर भी ध्यान देते हुए संपूर्ण आईआईटी मंडी समुदाय का समग्र विकास सुनिश्चित किया जाता है।
छात्रों का व्यक्तिगत ,शैक्षिक और काम-काजी जीवन तनाव मुक्त रहे यह सुनिश्चित करने के लिए आईआईटी मंडी ने कई खास प्रयास किए हैं जैसे छात्रों के लिए मार्गदर्शन और परामर्श सेवाएं खेल सुविधाएं और कैरियर और प्लेसमेंट सेंटर आदि। उन्होंने बताया कि छात्र अपने बुनियादी विषयों से बाहर अपनी रुचि के विविध क्षेत्रों को जानें यह प्रोत्साहन देते हुए संस्थान ने भारतीय ज्ञान प्रणाली और मानसिक स्वास्थ्य अनुप्रयोग केंद्र और सेंटर फॉर आई एवं रोबोटिक्स अनुसंधान केंद्रों की स्थापना की है। इसके परिणामस्वरूप बैचलर, मास्टर और पीएच.डी. स्तर पर भी नए कोर्स शुरू हुए हैं। इसके अलावा संस्थान ने तीन नए विषय शुरू किए हैं। जिनमें एमबीए एआई एवं डीएस,जेनरल इंजीनियरिंग में बी.टेक.,गणित और कंप्यूटिंग में बी.टेक. शामिल है।
इसके तहत मन,मस्तिष्क और चेतना का अध्ययन किया जाता है और इसमें कई क्षेत्रों के अनुप्रयोग भी शामिल हैं जैसे चेतना अध्ययन, योग, ध्यान, आयुर्वेद, पारंपरिक भारतीय चिकित्सा अनुसंधान और अन्य भारतीय प्रदर्शन कला आदि। आईकेएसएमएचए सेंटर का एक कोर्स चेतना और समग्र कल्याण का परिचय बी.टेक. के सभी छात्रों के लिए अनिवार्य किया गया है। अब तक आईआईटी मंडी ने स्कूल, कॉलेज के छात्रों, ड्रॉपआउट्स, हिमाचल सरकार के पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेज के संकाय सदस्यों सहित 1000से अधिक हिमाचली युवाओं को प्रशिक्षित किया है। । इनमें से 60त्नसे अधिक प्रतिभागियों को नौकरियां या नौकरी के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। उनमें से कई छात्रों ने कोर्स पूरा होने के बाद आईआईटी मंडी में इंटर्नशिप की है। इसी तरह आईआईटी मंडी एम. एससी डिग्री प्राप्त करने के लिए 2 साल के आईपीएचडी प्रोग्राम के बाद बाहर निकलने का विकल्प देता है। संस्थान नियमित पीएचडी को पार्ट टाइम पीएचडी में बदलने का विकल्प भी देता है ताकि उम्मीदवार कोई जॉब भी कर सके। छात्र पीएडी से मास्टर का विकल्प भी चुन सकते हैं।
आईआईटी मंडी ने एनईपी 2020 के अनुरूप अपने कोर्स को लचीला बना कर छात्रों को अपनी रुचि और कैरियर के लक्ष्यों के अनुसार आरंभ से ही अपनी शिक्षा का मार्ग प्रशस्त करने का अवसर देता है। यह विकल्प स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएच.डी. सभी स्तर के छात्रों के लिए उपलब्ध है। आईआईटी मंडी में भारतीय ज्ञान प्रणालियों पर आधारित एक अन्य कल्याण केंद्र भी है। आज उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्र मानसिक तनाव और अन्य बाहरी दबाव में खुद को नुक्सान पहुंचाते हैं। इसे देखते हुए यह जरूरी है कि ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए लीक से हट कर प्रयास करें। एनईपी 2020 को लागू करने की दिशा में आईआईटी मंडी के प्रगतिशील प्रयासों पर प्रोफेसर अनिरुद्ध चक्रवर्ती, डीन एकेडमिक्स, आईआईटी मंडी का कहना है,कि आईआईटी मंडी एनईपी2020 की कई प्रमुख विशेषताओं को अपने कोर्सों में लागू कर चुका है और बाकी विशेषताओं के समावेश की प्रक्रिया चल रही है। हमें विश्वास है कि हमारे प्रगतिशील कदम से भारत के विश्व गुरु बनने का सपना सच करने में हमारी सरकार को मदद मिलेगी।
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