- लोगों के लोन की किस्तें, घर का खर्च, बच्चों की फ़ीस मकान का किराया कैसे देंगे लोग?
शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि दो दिन से लोग वेतन की राह देख रहे हैं। फ़ोन के हर मेसेज यही सोचकर चेक करते है कि कहीं वेतन तो नहीं आया। अपने सहकर्मियों और अन्य विभागों के लोगों से फ़ोन करके पूछ रहे हैं कि सैलरी आई क्या? आज तक प्रदेश में ऐसी स्थिति नहीं आई थी कि कर्मचारियों को वेतन के लिए तरसना पड़े। प्रदेश के मुखिया कहते हैं कि कोई आर्थिक संकट नहीं हैं। जब आर्थिक संकट नहीं है तो वेतन क्यों नहीं आ रहा है? सरकार को इस मामले में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि कर्मचारियों का वेतन और पेंशनरों की पेंशन कब आएगी। कर्मचारियों के पास आय के कोई और साधन नहीं होते हैं, उन्हें वेतन से ही परिवार पालना होता है। ऐसे में बिना वेतन के परिवार कैसे पलेगा?
जयराम ठाकुर ने कहा कि कर्मचारी अपने वेतन से ही सारे खर्च वहन करता है। बच्चों की फ़ीस, घर का किराया, होम लोन की किस्तें, पर्सनल लोन की किश्तों के साथ क्रेडिट कार्ड आदि की ईएमआई भी महीने के पहले सप्ताह में देनी होती हैं। घर का किराया से लेकर राशन, बिजली-पानी आदि का खर्च भी महीनें के पहले हफ़्ते में ही देना पड़ता है। लोन की किस्तें न जमा कर पाना अपने आप में बड़ी आफ़त हैं। जिसके कारण जुर्माना से लेकर वित्तीय शुल्क अलग से भरने पड़ते हैं। यह स्थिति किसी भी सूरते हाल में सही नहीं है कि कर्मचारी राज्य सरकार के कर्मों की सज़ा भुगते। मुख्यमंत्री प्रदेश के कर्मचारियों को बताएं कि कब तक कर्मचारियों का वेतन उनके खाते में आएगा।