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हिमाचल कांग्रेस में संगठन की सर्जरी तय? सुक्खू-विक्रमादित्य आमने-सामने!

 

● संगठन को लेकर मुख्यमंत्री सुक्खू और विक्रमादित्य सिंह की अलग-अलग लॉबिंग चर्चा में
● प्रतिभा सिंह की अध्यक्ष पद से विदाई की अटकलें, नए चेहरे की तलाश तेज
● 100 दिन से संगठन भंग, कांग्रेस कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ़ा

अखिलेश महाजन


Himachal Congress Leadership: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के संगठनात्मक बदलाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने प्रदेश कांग्रेस की नवनियुक्त प्रभारी रजनी पाटिल से अलग-अलग मुलाकात की, जिससे राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है कि दोनों नेता अपने-अपने गुट को मजबूत करने के लिए लॉबिंग में जुटे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, इन बैठकों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर लंबी चर्चा हुई, क्योंकि मौजूदा अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का कार्यकाल अप्रैल 2025 में पूरा होने वाला है। विक्रमादित्य सिंह ने प्रियंका गांधी से भी मुलाकात कर अपनी माता प्रतिभा सिंह का कार्यकाल बढ़ाने की मांग रखी, जिससे कांग्रेस के अंदर गुटबाजी और तेज होती दिख रही है।

100 दिन से ज्यादा समय से प्रदेश में कांग्रेस संगठन भंग पड़ा है, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। कृषि मंत्री चंद्र कुमार और स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल भी यह कह चुके हैं कि “हिमाचल में संगठन पैरालाइज्ड हो चुका है।” मुख्यमंत्री सुक्खू ने हाईकमान से जल्द संगठन बनाने की मांग की है, ताकि पार्टी को मजबूती दी जा सके।

कौन होगा नया प्रदेश अध्यक्ष?
अगर प्रतिभा सिंह को हटाया जाता है तो नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए लॉबिंग तेज हो जाएगी। इस रेस में विधायक कुलदीप राठौर, विधायक संजय अवस्थी और चंद्रशेखर का नाम प्रमुख रूप से चर्चा में है।

रजनी पाटिल की भूमिका अहम
हिमाचल कांग्रेस की प्रभारी रजनी पाटिल संगठन में बदलाव की बड़ी भूमिका में हैं। इससे पहले पूर्व प्रभारी राजीव शुक्ला ने संगठनात्मक ढांचे को लेकर काम किया था, लेकिन उनके हटने के बाद यह जिम्मेदारी अब रजनी पाटिल के हाथों में आ गई है।

डिप्टी सीएम भी सक्रिय
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने भी कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की है, हालांकि इस बैठक की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई। लेकिन यह साफ है कि हिमाचल कांग्रेस में अंदरूनी राजनीति अपने चरम पर है।