स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) का धर्मशाला में चल रहा एकमात्र गर्ल्स स्पोर्ट्स सेंटर पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब हिमाचल में साई के गर्ल्स प्रशिक्षण केंद्र को बंद करके इस स्थान पर ही नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस चलाया जा रहा है। इसमें मात्र राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को ही चयनित करके आगामी प्रशिक्षण जारी रखने का मौका प्रदान किया जाता है, जबकि साई होस्टल धर्मशाला में जिला और राज्य स्तर के विजेता खिलाड़ी और नेशनल में भाग लेने वाले खिलाडिय़ों को भी ट्रायल के बाद प्रशिक्षण प्राप्त करने का मौका मिल जाता था।
बता दें कि राज्य की कई ग्रामीण प्रतिभाएं साई सेंटर से निकलकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के पर पहुंची हैं। सेंटर बंद होने से अब जिला और राज्य स्तर की प्रतिभाओं को निखरने का मौका नहीं मिल पाएगा। गौर हो कि भारतीय खेल प्राधिकरण के धर्मशाला प्रशिक्षण केंद्र में एथलेटिक्स, कबड्डी, बॉलीवॉल, हॉकी व बास्केटबाल की ट्रेनिंग दी जाती थी, जो कि अब बंद हो गई है।
यहां धर्मशाला में प्रशिक्षण से करीब सौ बेटियां इंटरनेशनल स्टार बन चुकी हैं। स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) का ट्रेनिंग सेंटर धर्मशाला में चलाया जा रहा था। वर्ष 1984 में युवा सेवाएं एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार ने खेल प्रतिभाओं को निखारने, प्रशिक्षण, कोच उपलब्ध करवाने और खेलने के लिए उचित व्यवस्था करवाने की नींव रखी थी। इसी कड़ी में साई होस्टल धर्मशाला की शुरुआत वर्ष 1998 में की गई थी।
इससे पहले मक्लोडगंज रोड पर काला पुल के पास स्पोर्ट्स डिवेलपमेंट प्रोजेक्ट वर्ष 1992 में चलाया जाता था। इसमें ब्वॉयज बॉक्सिंग और एथलेटिक्स गेम्स चलाई जाती थीं। बाद में धर्मशाला होस्टल गर्ल्स खिलाडिय़ों के लिए शुरू कर दिया गया है। इसके बाद साई में पहुंचने वाली प्रतिभाएं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राज्य का नाम रोशन करती रही हैं।
साई होस्टल में पांच खेलों का प्रशिक्षण विशेष रूप से प्रदान किया जाता रहा है। इसमें कबड्डी, वालीबॉल, बास्केटबाल, एथलेटिक्स और हॉकी शामिल हैं। उक्त खेलों में धर्मशाला के खिलाडिय़ों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में अपनी प्रतिभा दिखाई है। वॉलीबाल में जूनियर ग्रुप में इस केंद्र की अरुणा तोमर और सीनियर कबड्डी में रंजीता ने गोल्ड मेडल दिलवाया था। उधर, नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस धर्मशाला की प्रभारी सुनीता ने बताया कि साई के गर्ल्स स्पोर्ट्स सेंटर को बंद कर दिया गया है। अब यहां पर एनसीओए चलाया जा रहा है।
धर्मशाला केंद्र की गोल्डन बेटियों का इतिहास
वर्ष 2004-05 में तीसरी जूनियर इंटरनेशनल वॅालीबाल स्पोर्ट्स गेम्स रूस में अरुणा तोमर ने सिल्वर मेडल, 2005-06 में फर्स्ट एशियन कबड्डी चैंपियनशिप हैदराबाद रंजीता गोल्ड मेडल, यूथ एशियन गेम्स फिलीपींस मनीला में अरुणा तोमर पार्टिस्पेशन, चीन में 21वीं फीबा बास्केटबाल चैंपियनशिप इंदुबाला की पार्टिस्पेशन, वर्ष 2006-07 में जूनियर एशियन वॉलीबाल चैंपियनशिप थाईलैंड में अरुणा तोमर,18वीं फीबा एशियन जूनियर वूमन बास्केटबाल चैंपियनशिप बैंकाक थाईलैंड में बलविंद्र कौर की भागीदारी, वर्ष 2008-09 में तीसरी एशियन कबड्डी चैंपियनशिप इंडिया में पूजा ठाकुर ने गोल्ड मेडल, एशियन यूथ गल्र्ज वॉलीबाल चैंपियनशिप फिलीपींस मनीला में चंपा की भागीदारी, दूसरी एशियन जूनियर कबड्डी चैंपियनशिप मलेशिया में पूजा ठाकुर ने गोल्ड मेडल और एसएएफ गेम्स ढाका कबड्डी में गोल्ड मेडल जीता है।
कविता ठाकुर ने भी कबड्डी में एशियन गेम्स में दो बार गोल्ड मेडल, वर्ष 2010-11 में आठवीं एशियन यूथ गर्ल्स वॉलीबाल चैंपियनशिप मलेशिया में आशु की भागीदारीव 16वीं एशियन जूनियर वूमन वॉलीबाल चैंपियनशिप थाईलैंड में शिल्पा ने छठा स्थान प्राप्त किया। 17वीं एशियन जूनिनयर एथलेटिक्स चैंपियनशिप वियतनाम एथलेटिक्स में 1500 मीटर दौड़ में हरमिलन कौर ने कांस्य पदक व जूनियर वल्र्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप पौलेंड में हरमिलन की भी प्रतिभागी रही। यूथ ओलंपिक्स में सीमा में ब्रांज मेडल जूनियर नेशनल का रिकॉर्ड भी सीमा के नाम रहा है।
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