मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नाराज चल रहे भाजपा विधायक अनिल शर्मा को लेकर स्पष्ट संकेत दिया है कि वे बिना किसी शर्त के पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में चुनाव प्रचार में जुट जाएं. पार्टी की ओर से उनके मान सम्मान का पूरा ख्याल रखा जाएगा. लेकिन फिलहाल उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जाएगा.
पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, “अनिल शर्मा ने उनके समक्ष अपना पक्ष रखा है, तकनीकी रूप से वे भाजपा के विधायक हैं और भाजपा के प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार से उन्हें कोई रोक नहीं सकता. अनिल शर्मा ने स्पष्ट किया है कि कुछ लोग उनके बीच में फूट डालने की योजना में सफल रहे हैं. हमने अनिल शर्मा को स्पष्ट किया है कि उनके सम्मान की चिंता हम करेंगे. लेकिन फिलहाल मंत्रिमंडल में कोई जगह खाली न होने की वजह से फिलहाल उन्हें शामिल नहीं किया जा सकता. इस बारे पार्टी नेतृत्व से भी बात की जाएगी. अनिल शर्मा ने एक दो दिन में निर्णय लेने की बात कही है. हमें भी उनके निर्णय का इंतजार रहेगा.”
वहीं, कांग्रेस नेत्री आशा कुमारी के आरोप का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “उन्होंने कभी नहीं कहा कि प्रतिभा सिंह कमजोर प्रत्याशी हैं. अपने नामांकन के दौरान ही प्रतिभा सिंह ने कहा था कि उन्हें चुनाव लड़ने के लिए मजबूर किया गया. महिलाओं के प्रति मेरा नजरिया सम्मानजनक रहा है. उसी प्रकार वीरभद्र सिंह का जितना सम्मान मैं करता था उतना कांग्रेसी भी नहीं करते थे. उनकी पत्नी होने के नाते प्रतिभा सिंह का भी सम्मान करता रहा हूं. हालांकि, वीरभद्र सिंह से वैचारिक मतभेद रहे हैं. अब चुनाव में प्रतिभा सिंह दूसरी पार्टी से हैं तो उनकी पार्टी के विरोध में और उनके बयान का विरोध तो करना ही है.”
सांसद रामस्वरूप शर्मा की आत्महत्या के मामले की जांच के सवाल पर जयराम ठाकुर ने कहा, “इस मामले की दिल्ली में एफआईआर हुई है और दिल्ली पुलिस की क्राईम ब्रांच जांच कर रही है.”
महंगाई-बेरोजगारी को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा, “हर चुनाव में महंगाई और बेरोजगारी दो मुददे रहते हैं. उन्होंने कहा कि क्या महंगाई कांग्रेस के शासन में नहीं थी. कांग्रेस के शासन में प्याज सौ रूपए किलो हो गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महंगाई को कम करने की दिशा में प्रयासरत हैं. वहीं पर हिमाचल प्रदेश में डिपुओं में मिलने वाले सरसों के तेल पर तीस रूपए प्रति लीटर की दर से सब्सिडी दी जा रही है.”
‘अच्छा होता चेतन भी साथ आ जाते’
भाजपा में हो रही बगावत को लेकर जयराम ठाकुर ने कहा, “पार्टी में टिकट की मांग करना हर कार्यकर्ता का अधिकार है. लेकिन पार्टी की ओर से तय उम्मीदवार के पक्ष में सबको एकजुट हो जाना चाहिए. केवल जुब्बल कोटखाई में चेतन बरागटा पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. अच्छा होता चेतन बरागटा भी साथ आ जाते.”
जयराम ठाकुर ने माना कि इन चुनावों में आम चुनावों की तरह कोई लहर नहीं है. 2019 में देशवासी नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री देखना चाहता थे. जिसके चलते चारों सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार चार लाख से अधिक मतों से जीते हैं. मगर उपचुनाव में मतदान प्रतिशत कम रहता है.
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