प्रदेश में छात्र संगठन SFI विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और अन्य भर्तियों में लगातार फर्जीवाड़े की बात पिछले दो सालों से उठा रहा है. एसएफआई का कहना है कि कोरोना काल में विश्वविद्यालय के टीचिंग स्टाफ में हुई भर्तियों में धांधली की गई है. जिसमें सभी यूजीसी नियमों को दरकिनार किया गया है. एसएफआई ने मामले में न्यायिक जांच की मांग की है.
वहीं, एसएफआई के विश्वविद्यालय इकाई के अध्यक्ष रोकी ने पत्रकार वार्ता कर बताया कि आरटीआई से जुटाई गई 13 हजार पन्नों की सूचना से यह साबित हुआ है कि विश्व विश्वविद्यालय में प्रोफेसर की भर्ती में नकली व फर्जी अनुभवों के आधार पर नियुक्तियां दी गई.
उन्होंने मांग की है कि इस फर्जीवाड़े की न्यायिक जांच होनी चाहिए. वर्तमान में भी विश्वविद्यालय में चुनावों से पहले कुछ ओर भर्तियां कर अपने लोगों को फर्जी तरीके से भर्ती करना चाह रहें हैं. नई भर्तियों पर रोक लगनी चाहिए. एसएफआई इस फर्जीवाड़े के खिलाफ जल्द विश्वविद्यालय एवं पूरे प्रदेश में आंदोलन करेगी.