➤ शिमला में कुत्तों-बंदरों के बढ़ते आतंक पर नागरिक सभा का प्रदर्शन
➤ काटने पर 1 लाख मुआवजा और FIR की मांग
➤ नगर निगम को सौंपा ज्ञापन, सख्त कदम उठाने की अपील
शिमला। प्रदेश की राजधानी शिमला में इन दिनों आवारा कुत्तों और बंदरों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। लोगों की सुरक्षा को लेकर हालात गंभीर होते जा रहे हैं। इसी मुद्दे को लेकर बुधवार को शिमला नागरिक सभा ने डीसी कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान सभा ने नगर निगम शिमला पर कड़ा निशाना साधते हुए कहा कि निगम अब तक इस गंभीर समस्या पर ठोस कदम उठाने में नाकाम रहा है।
प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट कहा कि कुत्तों और बंदरों के काटने की घटनाओं में पीड़ितों को 1 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। साथ ही शहर में डॉग हट्स बनाए जाएं ताकि आवारा कुत्तों को नियंत्रित किया जा सके। इसके अलावा खुले में कुत्तों और बंदरों को रोटी या खाद्य पदार्थ खिलाने वालों के खिलाफ FIR दर्ज करने की भी मांग उठाई गई।
सभा के सचिव जगमोहन ठाकुर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्देश दिए हैं कि कुत्तों के लिए हट्स बनाए जाने चाहिए। यदि कोई व्यक्ति धार्मिक आस्था के तहत कुत्तों को खिलाना चाहता है तो उसके लिए निर्धारित स्थान होना चाहिए। खुले में रोटी खिलाने से इनकी संख्या और आक्रामकता दोनों बढ़ती हैं, जिससे लोगों की सुरक्षा पर संकट मंडराता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि नगर निगम के प्रयास नाकाफी हैं। सार्वजनिक स्थानों, बाजारों और रिहायशी इलाकों में बंदरों और कुत्तों की संख्या कम की जानी चाहिए। नागरिक सभा ने इस संबंध में नगर निगम कमिश्नर को ज्ञापन भी सौंपा और चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।



