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डीसी ऑफिस से पुलिस मैदान तक निकला जागरूकता मार्च
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एडीसी ने कहा – प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए सतर्क रहना जरूरी
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भूकंप सुरक्षा पर नुक्कड़ नाटक और भाषणों के जरिए जागरूकता फैलाई गई
Kangra Earthquake 1905: 1905 में आए विनाशकारी कांगड़ा भूकंप की स्मृति में जिला प्रशासन द्वारा आज डीसी ऑफिस से पुलिस मैदान तक जागरूकता मार्च निकाला गया। इस मार्च में प्रशासनिक अधिकारियों, शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों, स्कूली बच्चों और अन्य विभागों के कर्मचारियों ने भाग लिया। पुलिस मैदान में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां भूकंप और प्राकृतिक आपदाओं से बचाव को लेकर नुक्कड़ नाटक और भाषणों के माध्यम से जागरूकता फैलाई गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) विनय कुमार ने कहा कि 1905 के भूकंप ने हमें सतर्क रहने और सुरक्षित भवन निर्माण के महत्व को समझाने का बड़ा सबक दिया। उन्होंने भूकंप में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि आज की बढ़ती जनसंख्या और घनी बसावट को देखते हुए हमें पहले से ही सुरक्षा उपायों पर ध्यान देना होगा।
भवन निर्माण में भूकंपरोधी तकनीक को अपनाने की जरूरत
एडीसी ने भवन निर्माण में भूकंपरोधी तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया और कहा कि भूकंपीय मानकों के अनुरूप निर्माण ही भविष्य में आपदाओं से बचाव का उपाय है। उन्होंने खुले स्थानों को संरक्षित रखने और जागरूकता अभियान चलाने की भी आवश्यकता बताई।
भूकंप सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाना जरूरी
कार्यक्रम में बताया गया कि कांगड़ा क्षेत्र एक उच्च भूकंपीय जोखिम वाले जोन में आता है, इसलिए यहां आपदा प्रबंधन को मजबूत करने और आमजन को तैयार करने की जरूरत है। बच्चों ने अपने भाषणों में आपदा प्रबंधन, सतर्कता और सुरक्षा उपायों पर विचार प्रस्तुत किए, वहीं कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भूकंप के दौरान बचाव के उपायों को प्रभावी ढंग से समझाया।
एडीसी विनय कुमार ने कहा कि 120 साल पहले आए कांगड़ा भूकंप ने हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रबंधन की आवश्यकता को उजागर किया था। उन्होंने कहा कि एक सजग और सतर्क समाज ही आपदाओं से बेहतर तरीके से निपट सकता है।