<p>हिमाचल के प्राइवेट स्कूलों में पढ़ा रहे हजारों शिक्षकों को सरकार ने करारा झटका दिया है। 1100 शिक्षकों ने NIOS के पोर्टल पर अधूरी जानकारी देकर पंजीकरण करवाया है। जिसके चलते डिप्लोमा इन एलीमेंटरी करने के लिए भरे गए शिक्षकों के फॉर्म रिजेक्ट कर दिए है। केंद्र सरकार ने सही और जरुरी जानकारियां देने के लिए शिक्षकों को एक ओर मौका दिया है।</p>
<p>जानकाकी के मुताबिक, प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों को आदेश जारी करते हुए कहा कि जिन शिक्षकों के फॉर्म रिजेक्ट हुए है उनके नाम निदेशालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दिए है। निदेशक मनमोहन शर्मा ने बताया कि कुछ शिक्षकों ने फीस जमा नहीं करवाई है, जबकि कुछ ने स्कूल प्रिंसिपलों से कागजात सत्यापित नहीं करवाए हैं। केंद्र सरकार ने प्राइवेट स्कूलों में प्राइमरी कक्षाओं को पढ़ाने वाले शिक्षकों को डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजूकेशन (डीएलएड) करना अनिवार्य कर दिया है।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>दूरदर्शन की डिश से कर सकते हैं पढ़ाई:</strong></span></p>
<p>अब पहली क्लास से लेकर 5वीं के लिए बीएड की सेवाएं दे रहे शिक्षक मान्य नहीं होंगे। इनके लिए डीएलएड करना जरुरी है और यह ऑनलाइन होगा। जिसकू फीस 4500 रुपए होगी। स्टडी मैटीरियल शिक्षकों को ऑनलाइन मुहैया करवाया जाएगा। जो शिक्षक ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर सकते, उन्हें 1500 रुपए की दूरदर्शन की डिश खरीदनी होगी। दूरदर्शन के एजूकेशन चैनल के माध्यम से ये शिक्षक पढ़ाई कर सकेंगे। मार्च 2019 तक न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता पूरी नहीं करने वाले शिक्षकों की नौकरी को समाप्त कर दिया जाएगा।</p>
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