Follow Us:

पत्नी की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए रिटायर्ड डॉक्टर ने सरकार को बनाया संपत्ति का वारिस

डेस्क |

हमीरपुर जिला के उपमंडल नादौन के एक रिटायर्ड डॉक्टर ने अपनी सारी संपत्ति सरकार के नाम कर दी है। पंचायत जोलसप्पड़ के 72 वर्षीय डॉ. राजेंद्र कंवर ने यह संपत्ति अपनी पत्नी की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए की है। राजेंद्र कंवर की पत्नी का एक साल पहले देहांत हो गया था। दोनों की कोई संतान नहीं है। ऐसे में दोनों ने इच्छा जताई थी की वे अपनी सारी संपत्ति सरकार के नाम वसीयत कर देंगे। पत्नी की मौत के बाद अब डॉ. कंवर ने अपनी सारी संपत्ति को सरकार के नाम कर देने का फैसला किया है।

जोलसप्पड़ के गांव सनकर के 72 साल के डॉ. राजेंद्र कंवर और उनकी पत्नी कृष्णा कंवर दोनों सरकारी नौकरी करते थे। डॉक्टर राजेंद्र स्वास्थ्य विभाग में नौकरी करते थे और उनकी पत्नी शिक्षा विभाग में नौकरी करती थीं। रिटायरमेंट के बाद दोनों की इच्छा थी कि उनकी कोई संतान न होने के चलते वे अपनी सारी प्रॉपर्टी सरकार के नाम कर देंगे। इसी बीच पत्नी कृष्णा का एक साल पहले निधन हो गया। जिनकी तमन्ना पूरी करते हुए पति ने संपत्ति दान कर दी।

बता दें कि डॉ. कंवर का जन्म 15 अक्तूबर, 1952 को धनेटा गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम डॉ. अमर सिंह और माता का नाम गुलाब देवी था। डॉ. राजेंद्र ने 1974 में एमबीबीएस की पढ़ाई इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज तत्कालीन समय में स्नोडेन अस्पताल शिमला से पूरी की। 3 जनवरी, 1977 को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भोरंज में बतौर चिकित्सक ज्वॉइन किया। नौकरी के दौरान उन्होंने सेवा भाव के जज्बे के चलते प्रमोशन भी नहीं लिया। रिटायर होने के बाद भी वे हर दिन सैकड़ों मरीजों का इलाज करते हैं। वह कांगू वाले डॉक्टर के नाम से जाने जाते हैं।

उधर, मामले को लेकर नायब तहसीलदार अतर सिंह ने कहा कि हो सकता है कि ऐसी वसीयत हुई हो, लेकिन यह व्यक्तिगत और कॉन्फिडेंशियल डॉक्यूमेंट होता है। व्यक्ति की मृत्यु के बाद संबंधित पटवार सर्कल में दर्ज करवा कर बाकायदा इसके इंतकाल के बाद ही वारिस इसका मालिक बन सकता है। इसके बारे में जिस व्यक्ति ने अपनी बिल दी होती है, वही अपनी इच्छानुसार इस पर कुछ बोल सकता है।