<p>बुशहर रियासत के अंतिम राजा और हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अंतिम विदाई 12 मुखी बमाण पर हो रही है। बुशहर रियासत के किन्नौर, डंसा, लालसा, कूहल और अन्य क्षेत्रों के ‘बड़ई’ ‘ओड’ दो दिन में बमाण को तैयार किया है। राजा के परिवार के लिए ही 12 मुखी बमाण बनाया जाता है। जबकि राणा, ठाकुर और कुंवर के लिए 8 और 10 मुखी बमाण बनाए जाते हैं।</p>
<p>इस बमाण को शुद्ध देवदार की लकड़ी से बनाया जाता है, जिसमें हाथी के जीभ निकले 12 मुख बनाए जाते हैं। साथ ही फूल और पत्तियों की नक्काशी की जाती है। वहीं आम लोगों के लिए सामान्य बमाण बनाए जाते हैं।</p>
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