<p>सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर आलोक वर्मा ने सेवा से इस्तीफा दे दिया है। वर्मा ने बयान जारी करते हुए कहा- इंसाफ को कुचला गया और डायरेक्टर के पद से हटाने के लिए पूरी प्रक्रिया को ही उल्टा कर दिया। इससे पहले आलोक वर्मा को गुरूवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाले उच्चस्तरीय पैनल ने सीबीआई डायरेक्टर के पद से हटा दिया है। जिसके बाद वर्मा का ट्रांसफर कर उन्हें डीजी, फायर सर्विस सिविल डिफेंस और होम गार्ड्स सर्विसेज का डायरेक्टर बनाया गया था।</p>
<p> शुक्रवार को आलोक वर्मा ने फायर सर्विस का डीजी पद ठुकराते हुए सर्विस से ही इस्तीफा दे दिया। इससे पहले, उच्चस्तरीय पैनल की तरफ से सीबीआई डायरेक्टर पद से हटाए जाने के बाद वर्मा ने दावा किया कि उनका तबादला उनके विरोध में रहने वाले एक व्यक्ति की ओर से लगाए गए झूठे, निराधार और फर्जी आरोपों के आधार पर किया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली उच्चस्तरीय चयन समिति ने भ्रष्टाचार और कर्त्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में गुरुवार को आलोक वर्मा को पद से हटा दिया।</p>
<p>अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश काडर से 1979 बैच के आईपीएस ऑफिसर आलोक वर्मा सीबीआई के 27वें डायरेक्टर थे। वह दिल्ली पुलिस के कमिश्नर भी रह चुके थे। 31 जनवरी को वह रिटायर होने वाले थे। वर्मा 1 फरवरी 2017 को सीबीआई डायरेक्टर बने थे। उनका कार्यकाल काफी विवादित रहा और आखिरकार भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर उन्हें 2 साल के तय कार्यकाल से पहले ही हटा दिया गया।</p>
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