➤ EPFO ने आंशिक निकासी के नियम सरल और उदार बनाए
➤ अब 100% तक निकासी संभव, न्यूनतम सेवा अवधि 12 माह
➤ दस्तावेजों की जरूरत कम और न्यूनतम बैलेंस से रिटायरमेंट फंड सुरक्षित
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने सदस्यों के लिए आंशिक निकासी के नियमों को सरल और लचीला बना दिया है। अब ईपीएफ खाताधारक अपनी आवश्यकताओं, आवास या विशेष परिस्थितियों के तहत 100% तक की राशि निकाल सकते हैं। इस बदलाव से न केवल प्रक्रिया तेज होगी बल्कि वित्तीय जरूरतों के समय त्वरित सहायता भी मिल सकेगी।
नीचे पांच प्रमुख बिंदुओं में समझें नए EPFO नियमों का सार:
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निकासी के नियम आसान:
ईपीएफ की आंशिक निकासी अब 13 जटिल प्रावधानों की बजाय केवल तीन श्रेणियों में बांटी गई है – आवश्यक जरूरतें (बीमारी, शिक्षा, शादी), आवास संबंधी जरूरतें और विशेष परिस्थितियां। इससे प्रक्रिया सरल और समझने में आसान हो गई है। -
100% तक आंशिक निकासी:
सदस्य अब अपने खाते से कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के अंशदान सहित 100% तक राशि निकाल सकते हैं। पहले यह सीमा सीमित थी, लेकिन अब इसे पूरी तरह उदार बना दिया गया है। -
न्यूनतम सेवा अवधि में कटौती:
आंशिक निकासी के लिए अब सभी मामलों में केवल 12 महीने की सेवा पर्याप्त है। इससे नए कर्मचारियों को भी जल्दी लाभ मिलेगा। -
दस्तावेजों की जरूरत खत्म:
विशेष परिस्थितियों जैसे प्राकृतिक आपदा या बेरोजगारी में सदस्य कारण बताये बिना ईपीएफ से राशि निकाल सकते हैं। इससे दावों के अस्वीकृत होने की संभावना कम हो गई है। -
न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने की व्यवस्था:
सदस्य के खाते में 25% राशि न्यूनतम बैलेंस के रूप में बनी रहेगी। इससे उन्हें ईपीएफओ द्वारा दिए जाने वाले उच्च ब्याज दर (8.25% प्रति वर्ष) का लाभ मिलता रहेगा और रिटायरमेंट फंड सुरक्षित रहेगा। साथ ही चक्रवृद्धि ब्याज भी जारी रहेगा।



