भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत INS Vikrant दो सितंबर यानि आज नौसेना में शामिल किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत को नौसेना को सौंपेंगे.
INS Vikrant की खास बात ये है कि यह एक स्वदेशी युद्धपोत है. इसे 2009 में बनाना शुरू किया गया था. अब 13 साल बाद ये नौसेना को मिलने जा रहा है. इसके साथ ही पीएम मोदी नौसेना के लिए Ensign का भी अनावरण करेंगे. नौसेना का नया Ensign भारतीय मैरिटाइम हैरिटेज से लैस होगा.
<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”><a href=”https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#WATCH</a> | Shaping a dream building a nation. Designed by the Indian Navy and constructed by CSL Cochin, a shining beacon of AatmaNirbhar Bharat, IAC <a href=”https://twitter.com/hashtag/Vikrant?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#Vikrant</a> is all set to be commissioned into the Indian Navy.<br><br>(Source: Indian Navy) <a href=”https://t.co/LpHADHTlPk”>pic.twitter.com/LpHADHTlPk</a></p>— ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1565557932355624961?ref_src=twsrc%5Etfw”>September 2, 2022</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
देश के पास पहले से हैं ये युद्धपोत
भारत के पास पहले भी विमानवाहक पोत थे, लेकिन वे या तो अंग्रेजों या रूसियों द्वारा बनाए गए थे. ‘आईएनएस विक्रमादित्य’, जिसे 2013 में कमीशन किया गया था और जो वर्तमान में नौसेना का एकमात्र विमानवाहक पोत है, सोवियत-रूसी युद्धपोत ‘एडमिरल गोर्शकोव’ के रूप में शुरू हुआ. भारत के पहले के दो वाहक, ‘आईएनएस विक्रांत’ और ‘आईएनएस विराट’ मूल रूप से ब्रिटिश निर्मित ‘एचएमएस हरक्यूलिस’ और ‘एचएमएस हर्मीस’ थे. इन दोनों युद्धपोतों को क्रमश: 1961 और 1987 में नौसेना में शामिल किया गया था.
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