<p>पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश में सबसे तेज ईस्टर्न पिरिफेरल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन कर दिया है। यह देश का पहला हाईटेक एक्सप्रेस-वे है, जो प्रदूषण से घुटती दिल्ली के लिए एक तरह से संजीवनी साबित होगा। इसके साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे का भी उद्घाटन किया। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी उद्घाटन के मौके पर मौजूद थे। यह एक्सप्रेस-वे पलवल, गाजियाबाद और नोएडा को सीधे तौर पर जोड़ेगा।</p>
<p>इस एक्सप्रेस वे में लंदन जैसे सफर का आनंद आएगा। इस एक्सप्रेस वे में लंदन जैसी टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है। करीब 11,000 हजार करोड रूपए की लागत से तैयार हुआ एक्सप्रेस-वे कुल 135 किलोमीटर लंबा है। इसे सबसे तेज एक्सप्रेस वे भी कहा जाएगा, चूंकि इस पर 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी चलाने की अनुमति दी गई है।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>जानिए क्या हैं ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे की खासियत:</strong></span></p>
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<li>135 किमी लंबे इस एक्सप्रेसवे की सबसे खास बात यह है कि इसका काम 500 रेकॉर्ड दिनों में पूरा किया गया है। पीएम मोदी आज बागपत में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्र को समर्पित करेंगे।</li>
<li>इस एक्सप्रेसवे को देश का पहला स्मार्ट एक्सप्रेस-वे कहा जाए तो आश्चर्य नहीं होगा।</li>
<li>यह एक्सप्रेस वे गाजियाबाद, फरीदाबाद, पलवल और ग्रेटर नोएडा के बीच सिग्नल फ्री कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा।</li>
<li>11,000 करोड़ रुपये से बनने वाला यह एक्सप्रेसवे 6 लेन को होगा। यही नहीं यह एक्सप्रेसवे इंटेलिजेंट हाइवे ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम और विडियो इन्सिडेंट डिटेक्शन सिस्टम से लैस होगा।</li>
<li>इस एक्सप्रेसवे पर लाइटिंग की पूरी सुविधा सोलर पैनल के जरिए दी जाएगी। यही नहीं इसका दृश्य भी बेहद सुंदर होगा क्योंकि इस एक्सप्रेसवे के किनारों पर तकरीबन 2.5 लाख पेड़ लगाए जाएंगे।</li>
<li>लाइटिंग की पूरी सुविधा सोलर पैनल के जरिए दी जाएगी।</li>
<li>अब तक यूपी से हरियाणा और हरियाणा से यूपी जाने वाले तकरीबन दो लाख वाहन प्रतिदिन दिल्ली से होकर सफर करते थे। इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने पर ये वाहन दिल्ली को बाईपास कर निकलेंगे, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी।</li>
<li>नैशनल एक्सप्रेसवे 2 कहे जाने वाले इस मार्ग पर पेट्रोल पंप, रेस्ट एरिया, होटल, रेस्तरां, दुकानों और रिपेयर सर्विसेज की सुविधा होगी।</li>
<li>हर 500 मीटर की दूरी पर रेनवॉटर हार्वेस्टिंग की भी व्यवस्था होगी। ड्रिप इरिगेशन की तकनीक के चलते इस पानी से ही पेड़ों की सिंचाई भी होगी।</li>
<li>बता दें कि राजधानी बाकी देश से 9 बड़े स्टेट और नैशनल हाई-वे जुड़ी है। पेरिफेरल न होने और वैकल्पिक रूट न होने की वजह से दिल्ली की सड़कों को पर लोगों को जाम का सामना करना पड़ता था। पेरिफेरल एक्सप्रेसवे बनने की वजह से दिल्ली के ट्रैफिक की वजह से होने वाले प्रदूषण में भी काफी कमी आएगी।</li>
<li>इस प्रॉजेक्ट की वजह से 50 लाख मानव दिन का रोजगार पैदा हुआ। प्रॉजेक्ट को पूरा करने में 2094 वर्कर्स और 7281 स्किल्ड और अनस्किल्ड ने काम किया है।</li>
<li>स्वच्छ भारत मिशन को ध्यान में रखते हुए हर 2.5 किलोमीटर की दूरी पर टॉइलट्स बनाए गए हैं। इस पूरे मार्ग पर 6 इंटरचेंज, 4 फ्लाईओवर, 71 अंडरपास और 6 आरओबी होंगे। इसके अलावा यमुना और हिंडन पर दो बड़े पुल होंगे।</li>
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<p><img src=”/media/gallery/images/image(1491).jpeg” style=”height:335px; width:600px” /></p>
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