इस जगह मनाया जाता है महावारी के 4 दिन भव्य उत्सव

<p>मनुष्य जीवन में कई ऐसी मान्यताएं है जिनका समाज में बहुत अहम स्थान होता है। आमतौर पर लड़कियों को हर महीने पीरिड्स होते हैं। जिसके कारण लड़की को अशुद्ध और छूत की मान्यताएं भी समाज के बीच में बनी हुई है। अक्सर पीरियड्स के दौरान लड़कियां पूजा-पाठ या धार्मिक कामों से दूरी बना लेती हैं। कहीं-कहीं तो लड़कियों को इस दौरान अकेले और अलग रहने की मान्यताएं निभानी पड़ती है। लेकिन इसी बीच एक जगह ऐसी भी है जहां पीरियड्स के दौरान भव्य उत्सव मनाया जाता है। ये जानकर आपको हैरानी जरुर हो रही होगी लेकिन ये सच है।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>आइए जानते हैं कौन सी है वह जगह</strong></span></p>

<p><img src=”/media/gallery/images/image(3000).jpeg” style=”height:444px; width:681px” /></p>

<p>आपको बता दें उड़ीसा में लड़की को माहवारी होने पर उत्सव मनाया जाता है। जिसे &lsquo;राजपर्व उत्सव&rsquo; के नाम से जाना जाता है। 4 दिन तक चलने वाले इस उत्सव को &lsquo;राजपर्व&rsquo; के नाम से जाना जाता है, जिसे हर साल चार दिन तक चलने वाले इस पर्व के पहले दिन को पहली रजो, दूसरे दिन को मिथुन संक्राति, तीसरे दिन को भूदाहा या बासी रजा और आखिरी दिन को वासुमति स्नान के नाम से जाना जाता है। इस उत्सव की सबसे खास बात ये है कि इसमें केवल वही स्त्रियां भाग लेती हैं जो इस दौरान मासिक चक्र के दौर से गुज़र रही होती हैं। इसके अलावा यदि दूसरी महिलाएं भी इस उत्सव में शामिल होना चाहती हैं तो उन्हें मना नहीं किया जाता।<br />
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इस उत्सव में पेड़ों पर झूले लगाकर लड़कियां झूला झूलती हैं। साथ ही नए कपड़े और सज-संवरकर गीत गाती हैं। इस दौरान लड़कियां एक-दूसरे को हल्दी लगाकर फिर दूध से स्नान करती हैं। यह उत्सव प्रत्येक स्थान पर नहीं मनाया जाता है क्योंकि इस समय पर लड़कियों को हर काम करने और कोई भी पूजा-पाठ में शामिल नहीं किया जाता है। यहां तक की उसे खाना बनाने कर की मनाही होती है।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस</strong></span></p>

<p>आज यानि 28 मई को पूरी दुनिया में विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। इसे बनाने का मुख्य कारण है कि महिलाओं को पीरियड्स के समय स्वच्छता के लिए जागरुक करना। इसकी शुरुआत साल 2014 को हुई है। इसके साथ ही पीरियड्स 28 दिनों के अंदर आता है। इसलिए ये 28 मई को मनाई जाती है।</p>

<p>पीरियड्स को लेकर इतनी जागरुकता होने के बाद भी लड़कियां इस पर खुलकर बात करने पर भी संकोच करती हैं। ये ऐसे दिन होते हैं जब एक लड़की शारीरिक के साथ-साथ मानसिक समस्या से भी गुजरती हैं। ऐसे में साफ सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए। जिससे कि इंफेक्शन के साथ-साथ उसकी इनफर्टिलिटी से संबंधी कोई समस्या न हो।</p>

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