<p>कर्नाटक में हुए सियासी संकट को लेकर हिमाचल प्रदेश में भी लोकतंत्र बचाओं के हवाले से विरोध-प्रदर्शन हुआ। लेकिन, हैरानी ये है कि हमेशा की तरह कांग्रेस ने धरना देने के लिए अपनी ही पार्टी का कार्यालय चुना। विरोध-प्रदर्शन से ऐसा लगा मानो वह खुद के खिलाफ ही मोर्चा खोल रही है।</p>
<p>कांग्रेस हाईकमान की तरफ से कर्नाटक संकट के खिलाफ देश-व्यापी विरोध-प्रदर्शन के निर्देश थे। लिहाजा, हिमाचल में भी कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं ने मोर्चा संभाला। लेकिन, शिमला में हमेशा की तरह कांग्रेसी अपने ही पार्टी कार्यालय राजीव भवन के बाहर धरने पर बैठे और जिम्मेदारी का निर्वहन किया। यही से नारेबाजी हुई। यहीं से राज्पाल को कोसा गया और यहीं से लोकतंत्र कितने ख़तरे में है इस पर भाषण दिए गए।</p>
<p>मीडिया से बातचीत में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर भड़ाष निकाली। उन्होंने कहा कि बीजेपी संविधान की संस्थाओं को कमजोर कर रही है। लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या करने पर तुली है। उन्होंने कर्नाटक में शनिवार को ही फ्लोर-टेस्ट के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया।</p>
<p>गौरतलब है कि पार्टी दफ्तर पर धरने के बाद कांग्रेस इस संबंध में राज्यपाल को एक ज्ञापन भी सौंपेगी।</p>
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