हिमाचल प्रदेश पुलिस भर्ती पेपर लीक मामला तुल पकड़ता जा रहा है. जयराम सरकार मामले से जीतना भागने की कोशिश कर रही है उतना ही मामले में उलझती जा रही है। आनन् फ़ानन में जयराम सरकार ने मामले की CBI जांच का ऐलान तो कर दिया लेकिन गुड़िया मामले के खट्टे अनुभव के बाद विपक्षी दलों को CBI पर भरोसा नहीं रहा है। यही वजह है की सीपीआईएम ने हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच करवाने की मांग की है। सीपीआईएम ने राजभवन में राजयपाल को ज्ञापन सौंप कर मामले में सीटिंग जज से जांच करवाने की मांग की है साथ ही डीजीपी को पद से हटाने की भी मांग की है।
सीपीआईएम विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि सरकार और पुलिस प्रसाशन ने लाखों बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। इसलिए सरकार को गंभीरता से मामले की जांच करवानी चाहिए। वह CBI को जांच देने के सरकार के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। क्योंकि सीबीआई प्रदेश में इससे पहले गुड़िया केस में लीपापोती कर चुकी है। जिसके चलते सीबीआई पर से प्रदेश के लोगों को विश्वास उठ गया है। आगे से सरकार सभी तरह की भर्तियां लोक सेवा आयोग और प्रदेश अधीनस्थ चयन बोर्ड हमीरपुर के माध्यम से करवाए ताकी भर्तियों में पारदर्शिता लाई जा सके।
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