स्वास्थ्य विभाग में सामने आये घोटाले के बाद जहां विपक्ष सरकार पर हमलावर है । वहीं, सत्ता पक्ष थोड़ा संभलने के बाद विपक्ष के आरोपों पर अब जवाब दे रहा है । कुछ दिनों पहले पूर्व मंत्री जीएस बाली राज्य सरकार पर कई आरोप लगाये और सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किये । पूर्व मंत्री के आरोपों पर जवाब देने के लिये राज्य सरकार में उधोग मंत्री बिक्रम ठाकुर ने मोर्चा संभाला और कांग्रेस पार्टा पर एक के बाद एक कई आरोप लगाये ।
बिक्रम ठाकुर ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि जब जब कांग्रेस की सरकार बनी, भ्रष्टाचार के मामले बढ़े हैं । उन्होंने कहा कि जीएस बाली की बातें तर्क संगत नहीं है । उनकी सरकार के दौरान मंत्री कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाते थे । जिस सरकार में जीएस बाली मंत्री थे । उनकी सरकार के मुखिया पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे । उनकी सरकार के मुखिया ने स्कूटर और टैंकर पर सेब ढोये । पूर्व मुख्यमंत्री के घर में छापे पड़े । पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह का पूरा परिवार जमानत पर रहा । उनकी सरकार के दौरान आईपीएच मंत्री कौल सिंह ठाकुर थे , उस वक्त सबसे ज्यादा घपला आईपीएच विभाग में हुआ ।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार में जैसे ही भ्रष्टाचार का मामला सामने आया, तत्काल सरकार ने कार्यवाई की । उस मामले में जांच हो रही है और जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जायेगा । इस सरकार के दौरान एम्स प्रदेश को मिला, आईआईटी की जमीन हमने उपल्बध करवायी ।
बिक्रम ठाकुर ने सीधे तौर पर जीएस बाली पर हमला नहीं बोला । उन्होंने कांग्रेस सरकार के दौरान सामने आये मामलों को लेकर उनको घेरने की कोशिश की । इसके साथ ही जीएस बाली के आरोपों का जवाब देते हुए विक्रम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान सरकार में ऊपरी और निचले हिमाचल की कोई लड़ाई नहीं है । निचले क्षेत्र के साथ भेदभाव की बात बेबुनियाद है । पूर्व में जब इनकी सरकार थी तो सारे संस्थान एक ही जगह बना दिये गये । हालांकि, बिक्रम ठाकुर ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए अपने ही एक विधायक के दावों की हवा निकाल दी है । नगरोटा बगवां के विधायक पूर्व मंत्री पर लगातार ये आरोप लगा रहे हैं कि पूर्व मंत्री ने अपने क्षेत्र में कोई काम नहीं किया । लेकिन, उन्हीं की सरकार के मंत्री की राय उनसे जुदा है ।
ऊपरी निचली हिमाचल की लड़ाई और कांग्रेस बीजेपी के आरोप प्रत्यारोप के बीच, यहां ये भी जोड़ना अहम होगा कि पूर्व सरकार के दौरान ट्रीपल आईआईटी का निर्माण ऊना में हुआ और अभी जो बीजेपी में घमासान मचा है, उसमें बीजेपी के वरिष्ठ विधायक रमेश धवाला के मामले से समझा जा सकता है । जिसमें रमेश धवाला ने जो आरोप लगाये हैं, उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता । क्योंकि बीजेपी के अंदर से ही इसको लेकर आवाज उठनी शुरु हो गयी है । इसके साथ ही साथ ये जो लड़ाई है, वो अभी थमती भी नजर नहीं आ रही।