बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिन्दल ने कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और कुछ अन्य नेताओं के ब्यानात पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इस आपदा की घड़ी में भी इन नेताओं को तुच्छ राजनीति ही दिखाई दे रही है। इन्हें यह मालूम नहीं हो रहा है कि देश रहेगा तो कांग्रेस, बीजीपी, हम और आप रहेंगे। यदि देश नहीं रहेगा तो कुलदीप राठौर, मुकेश अग्निहोत्री और बिन्दल ये कोई नहीं रहेंगे।
देश का इतिहास स्मरण कराते हुए बिन्दल ने कहा कि भारत पाक युद्ध के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के आहवान पर देश के लोगों ने भोजन छोड़ दिया था। माताओं-बहनों ने अपने गहने प्रधान मंत्री राहत कोष में दान दिए थे। 1971 के युद्ध में इंदिरा जी तत्कालिक प्रधानमंत्री को देश के महान नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने रण चंडी का अवतार कह कर देश का आवान किया था कि हमनें इंदिरा गांधी को फॉलो करना है। उन दोनों समय में देश बार्डर पर लड़ रहा था, पूरा देश चट्टान की तरह उन नेताओं के साथ खड़ा था, जो देश का नेतृत्व कर रहे थे।
आज देश के 130 करोड़ भाई बहनों के जीवन के अस्तित्व का प्रश्न खड़ा है। भारत पाक युद्ध में सेना लड़ रही थी, देश पीछे था आज देश के घर-घर में युद्ध हो रहा है। देश का प्रत्येक व्यक्ति कोरोना वायरस से लड़ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत की कोरोना से लड़ने की तैयारी को सराहा है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के चंद नेता उन पर छींटाकशी करके अपनी नामसझी और संकीर्णता के अलावा कुछ नहीं दर्शा रहे हैं ।
देश जहां बड़े संकट से जूझ रहा है वहीं केन्द्र और प्रदेश की सरकार गरीबों के कल्याण के लिए सारा खजाना खोले हुए खड़ी है, अरबों रुपये के पैकेज देकर उनके जीवन की रक्षा में लगी है। सभी प्रयासों में सभी सामाजिक राजनैतिक लोगों को हाथ बंटाना होगा। यह देश की प्रदेश की आवश्यकता हैं, हमें कोरोना से लड़ने के बाद आर्थिक मोर्चे पर और गरीबों के सेवा के मोर्चें पर बड़ी लड़ाई लड़नी होगी।
दिल्ली के एक इलाके में 3000 लोगों ने इक्टट्ठा होकर दुनियां के अनेक देशों और भारत के 18 प्रातों के लोगों के निजामुदीन औलिया में कोरोना की चिंता किए बिना करोड़ों लोगों के जीवन को खतरे में डाला है, ऐसी घटनाएं देश को बर्बाद करके रख देंगी। इन घटनाओं की निंदा होनी चाहिए। चाहिए तो यह था कि धर्म-जाति संप्रदाय की राजनीति से ऊपर उठ कर कांग्रेस पार्टी के ये चंद नेता निजामुददीन की इस घटना की निंदा करते। ये चल पड़े देश के नेता की निंदा करने, जो आज तक के देश के इतिहास के के विपरीत है। कांग्रेस के इन नेताओं को अपने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह जी से कुछ सीख लेनी चाहिए जिन्होंने मुख्यमंत्री के प्रयासों की सराहना भी की व राहत कोष में दान भी दिया।