<p>स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटाले को लेकर जुबानी जंग जारी है। प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के नेता आमने सामने आ गए हैं और खूब जुबानी तीर छोड़े जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब कांग्रेस नेता आश्रय शर्मा और सांसद रामस्वरूप आमने-सामने आ गए हैं। आश्रय शर्मा ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग का संचालन मुख्यमंत्री की देख-रेख में हो रहा है। उनके विभाग में घोटालाबीजे चल रही है और वे मौन हैं।</p>
<p>सरकार को इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच करनी चाहिए। यदि डॉ बिंदल ने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया है तो मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भी जांच पूरी होने तक अपने पद से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। जांच किसी भी तरह से प्रभावित नहीं होनी चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।</p>
<p>उधर, सांसद राम स्वरूप शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री से वह लोग इस्तीफा मांग रहे हैं जिनका परिवार जमानत पर है और कभी भी दोबारा जेल जा सकता है। ऐसे लोगों को पहले अपना इतिहास देख लेना चाहिए। राम स्वरूप के अनुसार ऐसे लोगों को इस्तीफा मांगने का कोई अधिकार नहीं है।</p>
<p>उन्होंने कहा कि जिस निदेशक ने यह घोटाला किया था वह सलाखों के पीछे जा चुका है। इसमें पार्टी के अध्यक्ष का नाम भी घसीटा जा रहा था और उन्होंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया है। मामले की निष्पक्षता से जांच चल रही है लेकिन कांग्रेस इस मामले को बेवजह तूल देने में लगी हुई है। </p>
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