हिमाचल प्रदेश के चुनावी दंगल में उतरे पार्टी के उम्मीदवारों की संपत्ति मे काफी इजाफा हुआ है। हिमाचल प्रदेश इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफोर्म्स ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा में फिर से चुनाव लड़ रहे 60 उम्मीदवारों की विश्षलेषण किया है। 2012 में पुन: चुनाव लड़ने वाले 60 उम्मीदवारों की औसत संम्पत्ति 5.23 करोड़ थी। जो 2017 में बढ़कर 9.44 करोड़ हो गई है।
पांच सालों में फिर से चुनाव लड़ रहे विधायकों की औसत संम्पत्ति में 2012 से 2017 तक 4.20 करोड़ की वृद्धि हुई है। वहीं पांच सालों में 80 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
फिर से चुनाव लड़ रहे विधायक जिनकी 5 सालों में संम्पत्ति बढ़ी है वह शीर्ष विधायक है बीजेपी के चौपाल से विधायक बलवीर सिंह की संम्पत्ति में 120 प्रतिशत की, जुब्बल कोटखाई से कांग्रेस के विधायक रोहित ठाकुर, कांग्रेस के नगरोटा से विधायक की क्रमनुसार 487 प्रतिशत और 81 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
वहीं कांग्रेस के सबसे अधिक 33 विधायक, बीजेपी के 26 और आईएनडी के 1 विधायक की औसत संम्पत्ति में वृद्धि हुई है।
सबसे ज्यादा बढ़त कांग्रेस के जयसिंहपुर से विधायक यादविंदर गोमा की संम्पत्ति में 2189 प्रतिशत की उछाल आया है। इंदरजीत लखनपाल जो बढ़सर से विधायक है। जिनकी संम्पत्ति में 1045% की वृद्धि हुई है। उसके बाद भटियात से बीजेपी के विक्रम सिंह जरयाल 809 %, चुराह से बीजेपी के हंसराज 656% और नाचन से बीजेपी के ही विनोद कुमार की संम्पत्ति में 457 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।