हिमाचल प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र का प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्ष की तरफ़ नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सदन को चलाने के लिए विपक्ष की बात सुननी पड़ेगी। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रश्नकाल के बाद विपक्ष को बोलने का मौका दिया जाएगा। इस पर विपक्ष ने सत्ता पक्ष के सदस्यों पर गुंडागर्दी का आरोप लगाया और सदन में नारेबाजी शुरू कर दी।
संसदीय मंत्री विपक्ष को समझाने को उठे लेकिन विपक्ष ने एक न सुनी। विपक्ष बीते रोज विधानसभा में हुए हंगामे पर सत्ता पक्ष को घेरता रहा। विपक्ष का आरोप था कि सत्ता पक्ष के सदस्य विपक्ष को धमकाने का काम सदन में कर रहे हैं। विपक्ष ने अपने सदस्य जगत नेगी के साथ दुर्व्यवहार पर मंत्री वीरेंद्र कंवर और राकेश पठानिया सहित 4 सदस्यों के ख़िलाफ़ सदन में नारेबाजी की इनके ख़िलाफ़ कार्यवाही की मांग उठाई।
उधर, सत्ता पक्ष की तरफ़ से भी कांग्रेस पार्टी के ख़िलाफ़ नारेबाजी शुरू हो गई। विधानसभा अध्यक्ष समझाते रहे लेकिन दोनों तरफ से शोर शराबा जारी रहा। विधानसभा अध्यक्ष के समझाने पर विपक्ष के सदस्य शांत हुए। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि दोनों तरफ से नोंकझोंक हुई है। उनका काम सदन को शांतिपूर्ण ढंग से चलाने का है। विपक्ष का पत्र उन्हें मिला है। इसी शोर शराबे के बीच विपिन परमार ने विपक्ष के नेता को बोलने के लिए कहा लेकिन विपक्ष नारेबाज़ी करते हुए बेल में आ पहुंचा। विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू कर दिया। एक तरफ़ सदन में नारेबाजी चलती रही दूसरी प्रश्नकाल शुरू कर दिया गया। क़रीब आधा घंटे तक नारेबाजी करने के बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया।