8वीं फेल त्रिशनित के इशारे पर चलती हैं, भारत की 500 कम्पनियां

<p><strong>&nbsp;</strong>एक जमाना हुआ करता था जब लोगों की राय ही ये थी कि जो पढ़ता-लिखता है वही जिंदगी में आगे कुछ कर सकता है, वही भविष्य में कामयाब बन सकता है, लेकिन क्या कभी आपने ये सोचा कि जो लड़का पढ़ने-लिखने में बिलकुल रूचि नहीं लेता हो वो भविष्य में ऐसा कुछ कर सकता है, जिसके सफलता की कल्पना करना भी आश्चर्यजनक रूप से हैरान करने वाला हो।<img src=”http://img1.store.ksmobile.net/cmnews/20161126/07/40143_4945ed7f_14801442394_640_353.jpg” /></p>

<p>पढ़ाई में असफल होने का मतलब ये नहीं है कि आप जीवन में कुछ कर नहीं सकते हैं।&nbsp;इसका ताजा उदाहरण पेश किया 22 साल&nbsp;के त्रिशनित अरोड़ा। अरोड़ा ने इतनी कम उम्र में अपने कारोबार को इस बुलंदियों तक पहुंचा दिया है कि आज&nbsp;करोड़ों में कमा रहे हैं।<img src=”http://img1.store.ksmobile.net/cmnews/20161126/07/26520_abee0de6_148014423670_640_320.jpg” /></p>

<h4><strong>क्या काम करते हैं त्रिशनित</strong></h4>

<p>त्रिशनित एक एथिकल हैकर हैं। एथिकल हैकिंग में नेटवर्क या सिस्टम इन्फ्रास्ट्रक्चर की सिक्युरिटी इवैल्युएट की जाती है। सर्टिफाइड हैकर्स इसकी निगरानी करते हैं, ताकि कोई नेटवर्क या सिस्टम इन्फ्रास्ट्रक्चर की सिक्युरिटी तोड़कर कॉन्फिडेन्शियल चीजें न तो उड़ा सके और न ही वायरस या दूसरे मीडियम्स के जरिए कोई नुकसान पहुंचा सके।</p>

<p><img src=”http://img1.store.ksmobile.net/cmnews/20161126/07/22300_63a6095f_148014423666_640_320.jpg” /></p>

<h4><strong>8वीं क्लास में फेल हुए त्रिशनित</strong></h4>

<p>त्रिशनित को शुरू से ही कम्प्यूटर में रुचि थी, इसके चलते वे दूसरे सब्जेक्ट्स पर ध्यान भी नहीं दे पाते थे। 8वीं कक्षा के दौरान अरोड़ा की रुचि एथिकल हैकिंग में इतनी जागी कि वे इसमें मग्न हो गए और 2 पेपर भी नहीं दिए। नतीजा ये हुआ कि 8वीं क्लास में अरोड़ा फेल हो गए।</p>

<p><img src=”http://img1.store.ksmobile.net/cmnews/20161126/07/40767_cb5b7e93_148014423647_526_350.jpg” style=”height:446px; width:670px” /></p>

<h4><strong>दोस्तोंं ने उड़ाया मजाक</strong></h4>

<p>त्रिशनित 8वीं कक्षा में फेल हो गए, जिसके बाद उनका परिवार उनसे बेहद खफा था। इतना ही नहीं उनके दोस्त और स्कूल में पढ़ने वाले छात्र भी उनका मजाक उड़ाने लगे, इसके बाद अरोड़ा ने रेग्युलर पढ़ाई छोड़कर 12वीं तक कॉरेस्पॉन्डेंस से पढ़ाई की।<br />
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<h4><strong>घर वालों को नहीं पसंंद आया त्रिशनित का काम</strong></h4>

<p>त्रिशनित एक आम परिवार में जन्में थे, ऐसे में घर वालो को उनका काम पसंंद नहीं आया। त्रिशनित के पिता अकाउंटेंट थे तो उन्हें अपने बेटे का यह एथिकल हैकिंग वाला काम बिल्कुल भी पसंद नहीं था।</p>

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<h4><strong>CBI&nbsp;से लेकर रिलायंस इंडस्ट्रीज भी है इनकी क्लाइंट</strong></h4>

<p>महज 21 साल की उम्र में उन्होंने TAC&nbsp;सिक्युरिटी नाम की साइबर सिक्युरिटी कंपनी बनाई। त्रिशनित अब रिलायंस, CBI, पंजाब पुलिस, गुजरात पुलिस, अमूल और एवन साइकिल जैसी कई बड़ी कंपनियों को साइबर से जुड़ी सर्विसेज दे रहे हैं। वे &lsquo;हैकिंग टॉक विद त्रिशनित अरोड़ा&rsquo;, &lsquo;दि हैकिंग एरा&rsquo; और &lsquo;हैकिंग विद स्मार्ट फोन्स&rsquo; जैसी किताबें भी लिख चुके हैं।<br />
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<h4><strong>मिल चुके हैं कई अवॉर्ड</strong></h4>

<p>उनके काम को लेकर वर्ष 2013 में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने उन्हें सम्मानित भी किया था। वर्ष 2014 में पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने गणतंत्र दिवस पर स्टेट अवॉर्ड दिया और वर्ष 2015 में उनको फिल्म एक्टर आयुष्मान खुराना सहित सात हस्तियों के साथ पंजाबी आइकन अवॉर्ड दिया गया था।</p>

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<h4><strong>2&nbsp;हजार करोड़ के टर्नओवर पर नजर</strong></h4>

<p>अब त्रिशनित की नजर कंपनी के बिजनेस को US&nbsp;ले जाने की है। उन्होंने इसी साल जनवरी में दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि वे कंपनी का टर्नओवर बढ़ाकर इसे 2,000&nbsp;करोड़ रुपये तक ले जाना चाहते हैं। दुनियाभर की 500 कंपनियां इस वक्त त्रिशनित की क्लाइंट हैं।</p>

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<p>एक बहुत मशहूर कहावत है &lsquo;पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे तो होओगे खराब&rsquo;, लेकिन त्रिशनित ने इस कहावत को गलत साबित करते हुए एक मिसाल पेश की है। मिसाइल मैन के नाम से प्रसिद्ध पुर्व राष्ट्रपति&nbsp;एपीजे अब्दुल कलाम का भी यही कहना था &lsquo;देश में प्रतिभाशाली दिमाग कक्षा की पिछली बेंच पर पाया जा सकता है।&rsquo;</p>

<p><img src=”http://img1.store.ksmobile.net/cmnews/20161126/07/33960_36cb6093_148014423934_640_320.jpg” /></p>

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