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मिल गए शिमला के ढली- संजोली सुरंग के दोनों छोर, जल्द शुरू होगी वाहनों की आवाजाही

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राजधानी शिमला के ढली- संजोली को जोड़ने वाली डबललेन टनल के दोनों सिरे जोड़ दिए गए है. इस साल अक्टूबर तक काम को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. 147 मीटर लंबी इस टनल की आधारशिला11 मार्च को रखकर काम शुरू करवाया गया था. टनल का काम 39 करोड़ रुपये में अवार्ड किया है. यह लागत और ज्यादा बढ़ सकती है. स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शहर में बनने वाला यह सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है.

लगभग छ माह में ही राजधानी के संजौली और ढली के बीच बनाई जा रही ढली डबललेन सुरंग के दोनों किनारे आपस में जुड़ गए है. बीते कल ही चट्टान तोड़ने से दोनों छोर मिल गए हैं. इस सुरंग को ऑस्ट्रेलियन तकनीक से बनाया गया है. उम्मीद की जा रही है कि इसी साल ये सुरंग वाहनों के यातायात के लिए खोल दी जायेगी.

नगर निगम शिमला के अंतर्गत पड़ने वाली संजौली ढली की मौजूद टनल भी अंग्रेजों की विरासत की कुछ ऐसी ही यादें संजोए हुए हैं. अंग्रेजो ने शिमला को समर कैपिटल बनाने के बाद संजौली ढली के रूप में पहली सुरंग का निर्माण किया था ,जो आज भी ऊपरी शिमला को शिमला के साथ जोड़ने का मुख्य मार्ग है.

अंग्रेजों ने इस टनल का निर्माण कार्य 18वीं शताब्दी में आरंभ किया था। टनल की लंबाई 560 फीट है. बताया जाता है कि अंग्रेजों ने जब गोरखा हमलावरों को भगाया था और शिमला में अपने पैर जमाए थे, तो उन्होंने सबसे पहले संजौली-ढली टनल का निर्माण किया था. अब पुरानी टनल के समांतर नई टनल बनाई जा रही है. जिसके दोनों सिरे मिल गए है. इस टनल के बनने से ऊपरी शिमला के लिए लगने वाले जाम से निज़ात मिलेगी.